नई एनडीए सरकार केंद्रीय बजट 2024 की तैयारी में जुटी हुई है, जिसमें निवेशक समुदाय से बहुत उम्मीदें बंधी हुई हैं। विशेष रूप से, पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) के मामले में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की संभावना है, जो कि विभिन्न निवेश वर्गों में उद्यमियों और निवेशकों के लिए राहत प्रदान कर सकते हैं।
Capital Gains Tax क्या है?
Capital Gains Tax उन लाभों पर लगाया जाता है जो चल और अचल संपत्ति की बिक्री से होते हैं। इसमें इक्विटी, ऋण, और रियल एस्टेट जैसी संपत्तियाँ शामिल हैं। इनकम टैक्स कानून इन संपत्तियों को अलग-अलग दरों और अवधियों के अनुसार टैक्स के दायरे में लाता है।
बजट 2024 में संभावित परिवर्तन
बजट 2024 में, विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सरकार पूंजीगत लाभ व्यवस्था को अधिक तर्कसंगत और मानकीकृत करेगी। इसमें होल्डिंग अवधि को सुव्यवस्थित करने, दरों में समानता लाने और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिए सूचीकरण के आधार वर्ष में बदलाव शामिल है। ये परिवर्तन निवेशकों को लाभ प्रदान करने के लिए किए जा सकते हैं।
निवेशकों पर प्रभाव
इन बदलावों से घरेलू इक्विटी और म्यूचुअल फंड निवेशकों को लाभ होगा, क्योंकि एक समान होल्डिंग अवधि और टैक्स दरें सरलीकरण और निवेश की प्रक्रिया को और अधिक आकर्षक बना देंगी। यह निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में उचित डेट और इक्विटी मिक्स बनाए रखने में मदद करेगा, जिससे उनके निवेश की समग्र रणनीति में सुधार होगा।
ऋण प्रतिभूतियों और म्यूचुअल फंडों पर प्रभाव
वर्तमान में ऋण प्रतिभूतियों और ऋण-उन्मुख म्यूचुअल फंडों में निवेश के लिए अलग-अलग होल्डिंग अवधि निर्धारित हैं। बजट में इस असमानता को दूर करने की उम्मीद है, जिससे ऋण प्रतिभूतियों में सीधे निवेश और म्यूचुअल फंडों के माध्यम से किए गए निवेश के लिए एक समान दीर्घकालिक होल्डिंग अवधि निर्धारित की जा सकती है।
इस तरह के बदलाव न केवल निवेशकों को सीधा लाभ पहुंचाएंगे, बल्कि भारतीय निवेश बाजार को और अधिक प्रतिस्पर्धी और विश्व स्तर पर अनुकूल बनाने में मदद करेंगे। यह सुधार निवेशकों के लिए निवेश की जटिलताओं को कम करके और अधिक लाभकारी निवेश विकल्प प्रदान करेगा, जिससे वे अपने धन को अधिक कुशलता से नियोजित कर सकेंगे।