केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़ी बड़ी खबर, सरकार ने GPF समेत कई भविष्य निधि योजनाओं पर किया ये ऐलान

केंद्र सरकार ने जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड और अन्य समान निधियों पर 7.1% ब्याज दर घोषित की है। पेंशन एवं पेंशनर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट ने स्पष्ट किया कि 5 लाख से अधिक के अंशदान पर इनकम टैक्स के अधीन ब्याज मिलेगा।

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Written by Rohit Kumar

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केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़ी बड़ी खबर, सरकार ने GPF समेत कई भविष्य निधि योजनाओं पर किया ये ऐलान

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जुलाई से सितंबर 2024 तिमाही के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) और अन्य समान भविष्य निधि योजनाओं पर ब्याज दरों की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि “यह आम जानकारी के लिए घोषित किया जाता है कि साल 2024-2025 के दौरान, जनरल प्रोविडेंट फंड और अन्य समान निधियों के सदस्यों के जमा पर 1 जुलाई, 2024 से 30 सितंबर, 2024 तक 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा। यह दर 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी हो गई हैं।”

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इन भविष्य निधि योजनाओं पर भी ब्याज दरें घोषित

निम्नलिखित भविष्य निधि योजनाओं पर भी जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए 7.1 प्रतिशत की ब्याज दरें घोषित की गई हैं:

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  • कंट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड
  • ऑल इंडिया सर्विस प्रोविडेंट फंड
  • राज्य रेलवे भविष्य निधि
  • सामान्य भविष्य निधि योजना (सैन्य सेवा)
  • इंडियन ऑर्डिनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड

सामान्य भविष्य निधि योजना क्या है?

सामान्य भविष्य निधि योजना (GPF) एक विशेष भविष्य निधि योजना है जिसमें केवल सरकारी कर्मचारी ही अपना अंशदान कर सकते हैं। इस योजना के तहत पात्र सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा निवेश कर सकते हैं, जो उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद एकमुश्त प्राप्त होता है। यह योजना कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

ब्याज दरों में तिमाही संशोधन

वित्त मंत्रालय प्रत्येक तिमाही में सामान्य भविष्य निधि योजना और इसके जैसी अन्य योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन करता है। यह दरें मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों और मौद्रिक नीति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं।

5 लाख से अधिक के अंशदान पर मिलेगा ब्याज?

पेंशन एवं पेंशनर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट ने 5 मई 2024 को एक आदेश जारी कर यह स्पष्ट किया कि सामान्य भविष्य निधि योजना के तहत 5 लाख से अधिक के अंशदान पर इनकम टैक्स के अधीन ब्याज दिया जाएगा। विभाग ने कहा कि वित्त मंत्रालय के साथ इस मुद्दे पर बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है।

इस निर्णय से सरकारी कर्मचारियों को उनकी भविष्य निधि योजनाओं में निवेश को लेकर अधिक स्पष्टता और सुरक्षा मिलेगी। कर्मचारियों के लिए यह एक सकारात्मक कदम है, जिससे उन्हें अपनी सेवाओं के बाद सुरक्षित भविष्य की योजना बनाने में सहायता मिलेगी।

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