केन्द्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (CPAO) ने पेंशनधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण और जरूरी आदेश जारी किया है। CPAO ने पेंशनधारकों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड की सुरक्षा के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिससे पेंशनधारकों के पेंशन रिकॉर्ड से संबंधित गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखा जा सके। चूंकि लाखों पेंशन धारक हैं जिन्हें इस बात के बारे में मालूम नहीं है की कोई उनकी इस जानकारी से उन्हें लाखों का नुकसान पहुंचा सकता हैं, इस लिए सभी के लिए यह जानना जरूरी है।
व्यक्तिगत रिकॉर्ड की सुरक्षा की आवश्यकता
CPAO के पास पेंशनधारकों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड की जानकारी रहती है। देखा गया है कि कई अज्ञात व्यक्ति CPAO ऑफिस में आकर पेंशनभोगियों/फैमिली पेंशनभोगियों का व्यक्तिगत रिकॉर्ड मांगते हैं। वे बताते हैं कि वे पेंशनभोगी की तरफ से आए हैं और किसी कारणवश पेंशनभोगी का व्यक्तिगत रिकॉर्ड चाहिए। इस संदर्भ में, केंद्र सरकार ने मंत्रालयों और विभागों को दिशानिर्देश जारी किए हैं ताकि पेंशनधारकों की जानकारी सुरक्षित रह सके।
पेंशनधारकों के रिकॉर्ड मांगने के कारण
व्यक्तिगत रिकॉर्ड मांगने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- मुकदमेबाजी और पारिवारिक कलह: कई बार पेंशनभोगियों के ऊपर मुकदमे चलते हैं या पारिवारिक कलह की वजह से उनका व्यक्तिगत रिकॉर्ड मांगा जाता है। परिवार के सदस्य, विशेषकर पत्नी, जानना चाहती हैं कि पेंशनभोगी ने नॉमिनी किसे बनाया है।
- साइबर अपराधी: साइबर अपराधी पेंशनधारकों का व्यक्तिगत डेटा लेकर ठगी करने की कोशिश करते हैं। वे विभाग का अधिकारी बनकर पेंशनभोगियों से जानकारी मांगते हैं।
केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देश
इस संदर्भ में, वरिष्ठ अधिकारियों ने गंभीरता से विचार किया है और निर्देश दिए हैं कि पेंशनधारक/पारिवारिक पेंशनधारक की जानकारी निम्नलिखित तरीकों से ही साझा की जानी चाहिए:
- सूचनाओं का न्यायसंगत निर्णय: शिकायतों/प्रश्नों को सुलझाने वाले अधिकारी को सूचना चाहने वाले को अपने न्यायसंगत निर्णय पर जानकारी प्रदान करनी चाहिए।
- प्रमाण पत्र और प्राधिकरण पत्र: CPAO में अपने कार्यालय की ओर से लायजनिंग के लिए आने वाले अधिकारी/कर्मचारी को अपने आईडी प्रमाण और प्राधिकरण पत्र प्रस्तुत करना होगा, यदि उसे उसके कार्यालय द्वारा प्रदान किया गया हो।
- अधिकार पत्र के साथ जानकारी का खुलासा: जानकारी को वकीलों और तीसरे पक्ष को तभी साझा किया जाना चाहिए जब आगंतुक के पास पेंशनधारक/पारिवारिक पेंशनधारक द्वारा प्राधिकृत एक सत्यापित अधिकार पत्र हो।
- डेटा थर्ड पार्टी को न दिया जाए: पेंशनभोगियों का डेटा किसी भी थर्ड पार्टी को न दिया जाए, जब तक कि उचित अथॉरिटी न हो।
- मंत्रालय/विभागों को सतर्कता: मंत्रालय/विभागों को आदेश दिया गया है कि पेंशनभोगियों का डेटा तभी दिया जाए जब पेंशनभोगी ने इसकी अनुमति दी हो।
- नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट: पेंशनभोगी या फैमिली पेंशनभोगी की तरफ से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिलने पर ही व्यक्तिगत रिकॉर्ड दिया जाए।
- उचित अथॉरिटी का पत्र: पुलिस या वकील भी पेंशनभोगियों का रिकॉर्ड मांगते हैं तो उन्हें उचित अथॉरिटी का पत्र दिखाना अनिवार्य होगा।
सभी संबंधित अनुभागों के लिए निर्देश
विशेष रूप से पेंशनभोगी सुविधा प्रकोष्ठ को इन निर्देशों का सख्ती से और अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
मुख्य नियंत्रक (पेंशन) की स्वीकृति के साथ जारी किया गया
इस आदेश की प्रति को डाउनलोड किया जा सकता है, जिससे पेंशनधारक अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के बारे में अधिक जागरूक हो सकें।
गोपनीयता की सुरक्षा
पेंशनधारकों का डेटा तभी दिया जाएगा जब पेंशनधारक ने इसकी मंजूरी दी हो और गोपनीयता की नीति का उल्लंघन न हो। सभी मंत्रालय और विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि व्यक्तिगत रिकॉर्ड कौन ले गया है उसकी जानकारी रखी जाए और उनका आईडी कार्ड भी लिया जाए ताकि भविष्य में किसी प्रकार की अनहोनी न हो।
आदेश की कॉपी डाउनलोड करें
पेंशनधारकों के लिए जारी किए गए इस महत्वपूर्ण आदेश की कॉपी नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड की जा सकती है: