कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), कर्मचारी राज्य बीमा (ESIC) और राष्ट्रीय पेंशन योजना यानी के (NPS) से संबंधित एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी की गई है। सरकार ने EPFO सदस्यों और पेंशन धारकों की जानकारी को प्रकाशित किया है। इस रिपोर्ट में यह जानकारी है की हर वर्ष कितने लोग इसे सब्सक्राइब कर रहे है और इससे जुड़ रहे है। यहां पर इसकी पूर्ण जानकारी प्रदान की गई है।
आप सभी को यह जानकारी दे दें की सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सितंबर 2017 के बाद से औपचारिक क्षेत्र में रोजगार से संबंधित आंकड़े जारी करना शुरू कर दिया है। इन आंकड़ों में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), कर्मचारी राज्य बीमा (ESI), और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत सदस्यता लेने वाले सदस्यों की जानकारी शामिल है।
पिछले कई वर्षों के अंतर्गत EPF, ESIC, और NPS में बहुत से लोग जुड़े है। इन तीनों एजेंसियों से प्राप्त हुए आंकड़े यहां पर बताए गए है।
Employees Provident Fund Scheme:
Employees Provident Fund Scheme:
National Pension Scheme (NPS):
भारत में पेरोल रिपोर्टिंग
अप्रैल 2018 से यह मंत्रालय सितंबर 2017 के आगे के समय को कवर करते हुए औपचारिक क्षेत्र में रोजगार से संबंधित आंकड़े जारी कर रहा है। इसमें तीन योजनाओं कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), कर्मचारी राज्य बीमा (ESI), और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के सदस्यों की जानकारी भी शामिल है।
आप सभी यह भी जाना लीजिए की सब्सक्राइबर्स की संख्या कई श्रोतो से प्राप्त की गई है। इसमें कई जानकारी ओवरलैप भी हो सकता है। इसलिए इस जानकारी में बताए गए आंकड़े जोड़े नहीं जा सकते है। सितंबर 2017 से अप्रैल 2024 तक की अवधि के लिए विस्तृत जानकारी संबंधित संगठनों की वेबसाइटों पर अलग से प्रकाशित की गई है।
धारा 2.1 में डेटा में लिंग के आधार पर जानकारी शामिल है, जैसे:
- ऐसे नए सदस्य जिन्होंने हाल ही में ईपीएफ की सदस्यता लेना शुरू किया हो।
- वह सदस्य जिन्होंने अपनी सदस्यता बंद कर दी हो।
- वह सदस्य जिन्होंने इसमें अपना योगदान फर्ज शुरू किया हो।
धारा 2.2 में ईएसआई के आंकड़े लिंग के आधार पर दिए गए हैं, जिसमें:
- मौजूदा कर्मचारी जो अंशदान का भुगतान कर रहे हैं,
- इस अवधि के दौरान नए पंजीकृत कर्मचारी जो अंशदान का भुगतान कर रहे हैं।
2 3 month hogye hai my EPF account is deactivated Na kahi se solution ho rha h pf office bhi visit krliya Lakho logo ko pareshani hori h is smasya ka smadhan kijiye
जो पैसा पेंतीस साल तक जमा किया था कि बुढ़ापे में ये पेंशन के रूप में मिलते रहेंगे मगर बहुत पत्र व्यवहार किया है वज़ीर पुर दिल्ली ईपीएफओ में और सूरत में लेकिन किसी भी ईपीएफओ के बाबू के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है मैंने माननीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भारत सरकार को भी लिख कर भेजा है कुछ कार्यवाही होगी तो ठीक है नहीं तो ये बड़ी बड़ी फेंकने वालों को ही नंगा करना होगा क्योंकि महंगाई भी चर्म सीमा से अधिक जा रही है
Epfo ko 5000/_minium melana chhiya