
EPFO को सुरक्षित और आधुनिक बनाने के लिए एवं कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए 1 अगस्त 2025 से नया नियम लागू हो चुका है। अब नए कर्मचारी जो इससे जुड़ेंगे उन्हें अपना UAN बनाने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया को पूरा करना है। यह सुविधा आपको UMANG ऐप पर मिलेगी।
लेकिन यह नया नियम स्टाफिंग और उनके कर्मचारियों के लिए एक चुनौती भरा काम बन गया है। उन्हें अपना काम करने में काफी समय हो रही है। नए नियम के जारी होने से करीबन दो दिन में ही 1,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी नहीं मिल पाई।
यह भी देखें- EPFO का धमाकेदार ऐलान! अब पेंशन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा—सीधा पैसा खाते में
नए नियम से जुड़ी क्या चुनौतियां हैं?
नए नियम यानी की फेस ऑथेंटिकेशन (FAT) से स्टाफिंग कंपनियों एवं कर्मचारियों को कई दिक्क़ते होने वाली है। आइए इनके बारे में जानते हैं।
ऑनबोर्डिंग में आएगी अवरोध- अब प्रत्येक कर्मचारी को अपना फेस ऑथेंटिकेशन करना होगा, यह सबके लिए करना मुश्किल होगा। बता दें स्टाफिंग कंपनियां ही अधिक संख्या में कर्मचारियों की नियुक्त का काम करती है।
तकनीकी समस्या- नए नियम लागू होने के बाद ऑनलाइन तरीके से कर्मचारियों को फेस ऑथेंटिकेशन करना है। लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्रों और इलाकों में इंटरनेट की समस्या होती है। वहीँ अभी तक कई लोगों के पास स्मार्ट फ़ोन भी नहीं है जिसका वे इस्तेमाल कर सके। इस वजह से उनकी प्रक्रिया रुक भी सकती है।
UAN बनाने में परेशानी- पहले की प्रक्रिया के तहत UAN बनाने के लिए नियोक्ता कर्मचारी का आधार नंबर ईपीएफओ पोर्टा पर सीडिंग करता था लेकिन नए नियम के तहत अब कर्मचारी को स्वयं फेस ऑथेंटिकेशन करना होगा।
यदि अब कर्मचारी जब तक अथवा खुद फेस ऑथेंटिकेशन नहीं कर पाएंगे तो उनका UAN जनरेट हो होगा। इससे पीएफ से जुड़ी सुविधाओं का लाभ मिलने में परेशानी हो सकती है।
ISF ने EPFO को क्या सलाह दी?
इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन ने ईपीएफओ को इस समस्या से निकलने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।
- बिना FAT के UAN बनना- ISF का कहना है कि जो कर्मचारी पहली बार यानी की जो नए कर्मचारी हैं उन्हें बिना चेहरे की पहचान के UAN बनाने की मंजूरी मिलनी चाहिए। ऐसे में कोई भी दिक्क्त नहीं आएगी।
- नियम को लागू होने से पहले समय- नए नियम को पूरी तरह से लागू करने के पहले 6 माह का समय मिलना जरुरी है। इस समय में कर्मचारी और कंपनियां इसके लिए पूरी तरह से तैयार हो सकती हैं।
- लोगों को करें जागरूक- सबसे पहले कर्मचारियों को FAT सिस्टम के बारे में जागरूक करना है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए जिसमें इस नियम के लाभ, विभिन्न भाषाओं में ट्रेनिंग दी जाए।
- तकनीक में सुधार- यदि FAT से जुडी कोई समस्या अथवा दिक्क़ते होती है तो इसके लिए EPFO को अपनी वेबसाइट पर एक हेल्पलाइन नंबर और तकनीक सुविधा देनी आवश्यक है।