
EPFO Membership Update: भारत में कामकाजी वर्ग के लिए कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) एक बेहद अहम सामाजिक सुरक्षा योजना है। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा हर महीने PF (Provident Fund) में जमा होता है। वहीं, नियोक्ता (Employer) भी उतनी ही राशि कर्मचारी के खाते में जमा करता है। लेकिन जब किसी की नौकरी चली जाती है या पीएफ खाते में योगदान बंद हो जाता है, तो सवाल उठता है कि उस जमा राशि पर ब्याज कब तक मिलता है? आइए जानते हैं इस संबंध में EPFO के नियम क्या कहते हैं।
नौकरी छोड़ने या छूटने पर PF खाते पर ब्याज की स्थिति
EPFO के नियमों के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है या उसकी नौकरी चली जाती है और वह किसी नई कंपनी में काम शुरू नहीं करता, जिससे PF अकाउंट में कोई नया योगदान नहीं होता, तो इस स्थिति में PF खाते पर मिलने वाला ब्याज एक समय के बाद बंद हो जाता है। यह नियम इस उद्देश्य से बनाया गया है कि लंबे समय तक निष्क्रिय खाते में ब्याज न जोड़ने से फंड मैनेजमेंट पर दबाव न बढ़े।
कितने समय तक मिलता है ब्याज?
EPFO के अनुसार, जब किसी PF खाते में कोई नया योगदान नहीं हो रहा होता, तो ऐसे खाते को ‘Inoperative Account‘ की श्रेणी में डाल दिया जाता है। अगर PF खाते में लगातार तीन साल तक कोई योगदान नहीं होता है, तो उस पर ब्याज मिलना बंद हो जाता है।
इसका मतलब यह है कि नौकरी छूटने के बाद भी यदि आपने PF खाते में योगदान नहीं किया है, लेकिन तीन साल के अंदर आपने पैसे नहीं निकाले हैं, तो आपको उस दौरान का ब्याज मिलता रहेगा। लेकिन जैसे ही तीन साल पूरे होते हैं, उस समय से आगे ब्याज मिलना बंद हो जाएगा।
क्या PF खाता एक्टिव रहता है?
EPFO की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कर्मचारी अपनी सदस्यता बनाए रख सकता है, भले ही उसने कंपनी छोड़ दी हो। यानी नौकरी बदलने की स्थिति में भी PF खाता ट्रांसफर हो जाता है और लगातार एक्टिव बना रहता है। लेकिन यदि नई नौकरी नहीं मिलती और कोई योगदान नहीं होता, तो खाता निष्क्रिय माना जाएगा।
बेरोजगार होने पर पैसा निकालने के नियम
यदि कोई कर्मचारी नौकरी खो देता है और लंबे समय तक बेरोजगार रहता है, तो उसके पास अपने PF अकाउंट से पैसा निकालने का विकल्प होता है। नियमों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति एक महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहता है, तो वह अपने PF खाते में जमा राशि का 75 फीसदी तक निकाल सकता है।
वहीं, यदि बेरोजगारी की अवधि दो महीने या उससे अधिक हो जाती है, तो कर्मचारी को पूरा PF बैलेंस निकालने का अधिकार मिल जाता है। इस राशि का उपयोग वह अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर सकता है।
ब्याज की दरें और PF की ताकत
हर साल EPFO द्वारा ब्याज दरें तय की जाती हैं, जो कि भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय की सिफारिश पर आधारित होती हैं। आमतौर पर PF पर मिलने वाली ब्याज दरें बाजार की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और स्थिर होती हैं। यही वजह है कि PF को एक मजबूत बचत विकल्प माना जाता है, जो कर्मचारियों को रिटायरमेंट के लिए फाइनेंशियल सिक्योरिटी देता है।
PF खाते की देखरेख क्यों जरूरी?
नौकरी छूटने के बाद कई लोग अपने PF खाते को लेकर लापरवाह हो जाते हैं। वे मानते हैं कि पैसा सुरक्षित है, लेकिन यह जान लेना जरूरी है कि अगर तीन साल तक योगदान नहीं हुआ, तो ब्याज मिलना बंद हो जाएगा। ऐसे में अगर आप उस राशि का अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको या तो नया योगदान शुरू करना होगा, या फिर निर्धारित समयसीमा के भीतर राशि निकालनी चाहिए।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखें
EPFO ने अब अपनी सेवाओं को डिजिटल बना दिया है। UMANG ऐप, EPFO की वेबसाइट और UAN (Universal Account Number) पोर्टल के जरिए आप अपने PF खाते की पूरी जानकारी घर बैठे चेक कर सकते हैं। इसमें पासबुक, ब्याज, बैलेंस, ट्रांजैक्शन हिस्ट्री आदि शामिल हैं। इससे आप अपने खाते की एक्टिविटी पर नजर रख सकते हैं और समय रहते जरूरी निर्णय ले सकते हैं।