
Full Pension पाने के लिए कितने साल काम करना जरूरी है, यह सवाल Employees’ Pension Scheme (EPS-95) से जुड़े हर व्यक्ति के लिए बेहद अहम है। अगर आप सोचते हैं कि पेंशन एक बार की मेहनत से मिलती है तो आप गलत हैं। EPS स्कीम के तहत पेंशन मिलने के लिए कुछ जरूरी शर्तें होती हैं, जिन्हें पूरा करना हर सदस्य के लिए अनिवार्य है। खास बात यह है कि अगर आपने एक साल भी कम काम किया तो आपकी पेंशन पर बड़ा असर पड़ सकता है।
फुल पेंशन के लिए कितने साल की सेवा जरूरी है
EPS-95 स्कीम के तहत फुल पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा और 58 वर्ष की आयु में रिटायर होना जरूरी है। अगर आपने ये दोनों शर्तें पूरी कर ली हैं, तभी आप मासिक फुल पेंशन के हकदार बनते हैं। इसमें पेंशन की राशि आपकी सेवा अवधि और अंतिम 60 महीनों के औसत वेतन पर आधारित होती है।
एक साल कम हुआ तो क्या होगा?
यदि किसी कर्मचारी की कुल सेवा अवधि 10 साल से एक साल कम, यानी 9 साल है, तो वह फुल पेंशन के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। EPS नियमों के अनुसार, 10 साल से कम सेवा करने वाले कर्मचारी मासिक पेंशन के बजाय फुल विड्रॉल (withdrawal benefit) का दावा कर सकते हैं। इसका मतलब है कि उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी, बल्कि एकमुश्त राशि मिलती है जो सेवा अवधि और वेतन पर आधारित होती है।
पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला क्या है
EPS के तहत पेंशन की गणना एक तय फॉर्मूले के अनुसार होती है:
मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × सेवा वर्ष) ÷ 70
यहां पेंशन योग्य वेतन का मतलब रिटायरमेंट से पहले के 60 महीनों का औसत वेतन होता है। यदि किसी कर्मचारी का अंतिम वेतन ₹15,000 है और उसने 20 साल की सेवा की है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी:
₹15,000 × 20 ÷ 70 = ₹4,285.71
ध्यान दें कि EPS के तहत अधिकतम पेंशन योग्य वेतन की सीमा ₹15,000 प्रति माह तय की गई है।
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अगर 58 वर्ष से पहले पेंशन चाहिए तो?
अगर कोई कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद 58 वर्ष की उम्र से पहले पेंशन लेना चाहता है, तो उसे Reduced Pension का विकल्प दिया जाता है। यदि वह 50 से 57 वर्ष की आयु में पेंशन शुरू करता है, तो हर साल के लिए 4% की कटौती के साथ पेंशन दी जाती है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई सदस्य 54 वर्ष की आयु में पेंशन लेना शुरू करता है, तो उसे 4 वर्षों की कुल 16% कटौती के साथ पेंशन मिलेगी।
नई घोषणा: पेंशन में वृद्धि
मई 2025 से EPS-95 पेंशन में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, EPS पेंशनधारकों के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन को ₹7,500 तय किया गया है। इसके साथ ही, अब महंगाई भत्ता (DA) को भी EPS पेंशन में शामिल किया गया है जो हर साल जनवरी और जुलाई में संशोधित होगा। इससे पेंशनधारकों को महंगाई के दौर में थोड़ी राहत मिलेगी।
पेंशन योग्य वेतन की परिभाषा और सावधानी
पेंशन योग्य वेतन का मतलब केवल बेसिक सैलरी और डीए (Dearness Allowance) होता है। इसमें HRA, बोनस या अन्य भत्ते शामिल नहीं होते। साथ ही, यह जरूरी है कि आपकी सेवा का हर महीना ईपीएफओ में रिपोर्ट हो। कई बार नियोक्ता कर्मचारी की सेवा अवधि को रिपोर्ट नहीं करते, जिससे पेंशन कम हो सकती है। इसीलिए EPFO पासबुक और सेवा रिकॉर्ड की नियमित जांच जरूरी है।
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