EPFO Pension: सिर्फ रिटायरमेंट नहीं, इन 7 तरह की पेंशन का मिलता है फायदा – बीच में भी उठा सकते हैं पैसा

EPS 1995 स्कीम सिर्फ रिटायरमेंट तक सीमित नहीं है – बीच में भी पैसा निकाल सकते हैं, विकलांगता, मृत्यु, बच्चों या माता-पिता के लिए भी मिलती है पेंशन। जानिए इस सरकारी योजना से जुड़े हर ज़रूरी पहलू को विस्तार से।

rohit

Written by Rohit Kumar

Published on

EPFO Pension यानी कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) सिर्फ रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने तक सीमित नहीं है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अंतर्गत आने वाली यह स्कीम कई ऐसे अवसरों पर आर्थिक सहारा देती है जब व्यक्ति सबसे अधिक असहाय होता है – जैसे दुर्घटना, मृत्यु, या किसी आश्रित की आवश्यकता के समय। EPS 1995 के तहत EPFO सदस्य और उनके परिवार को 7 अलग-अलग तरह की पेंशन सुविधाएं मिलती हैं, जिनका लाभ न केवल रिटायरमेंट बल्कि जीवन के कई मोड़ों पर उठाया जा सकता है।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

यह भी देखें: EPFO का बड़ा तोहफा! EPS 95 Pension में बंपर बढ़ोतरी – क्या आपकी सैलरी भी होगी डबल?

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

सुपरएन्युएशन पेंशन की पात्रता और लाभ

जब कोई कर्मचारी 58 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है और उसने 10 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूरी की हो, तो उसे सुपरएन्युएशन पेंशन का लाभ मिलता है। यह पेंशन मासिक रूप में दी जाती है और इसकी गणना सदस्य की पेंशन योग्य सैलरी और सेवा अवधि के आधार पर की जाती है। यह पेंशन रिटायरमेंट के बाद की सुरक्षित आय का जरिया बनती है।

अर्ली पेंशन की सुविधा और शर्तें

EPS के तहत सदस्य 50 वर्ष की आयु के बाद, लेकिन 58 वर्ष से पहले पेंशन ले सकते हैं। हालांकि इस स्थिति में पेंशन राशि में कटौती होती है। हर साल की पूर्व रिटायरमेंट के लिए 4% की कटौती की जाती है। यानी यदि कोई व्यक्ति 56 की उम्र में पेंशन लेता है तो उसे केवल 92% पेंशन मिलेगी। यह विकल्प उन लोगों के लिए है जिन्हें जल्दी रिटायर होना पड़ता है या जिनकी वित्तीय स्थिति समय से पहले पेंशन लेने की मांग करती है।

विकलांगता पेंशन से जीवन की मुश्किल घड़ी में मदद

अगर किसी सदस्य को सेवा के दौरान स्थायी विकलांगता हो जाती है और वह आगे काम करने में असमर्थ हो जाता है, तो उसे विकलांगता पेंशन मिलती है। इस पेंशन के लिए 10 साल की सेवा अनिवार्य नहीं होती। विकलांगता प्रमाणित होते ही पेंशन की शुरुआत हो जाती है और यह जीवन भर चलती है, जिससे व्यक्ति को आर्थिक अस्थिरता से राहत मिलती है।

यह भी देखें: EPS Pension: 10 साल की नौकरी के बाद EPFO से कितनी पेंशन मिलेगी? यहां जानें पूरी डिटेल

विधवा पेंशन से आश्रितों को सुरक्षा

किसी सदस्य की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को विधवा पेंशन का हक मिलता है। यह तब तक दी जाती है जब तक विधवा की मृत्यु नहीं हो जाती या वह पुनर्विवाह नहीं कर लेती। यदि सदस्य की एक से अधिक पत्नी हों, तो पेंशन उम्र में सबसे बड़ी पत्नी को दी जाती है। यह राशि सदस्य की सेवा और वेतन के आधार पर तय होती है।

बाल पेंशन का लाभ बच्चों को

मृत सदस्य के जीवित बच्चों को भी EPS के तहत पेंशन मिलती है जिसे बाल पेंशन कहा जाता है। यह पेंशन 25 वर्ष की आयु तक बच्चों को दी जाती है। प्रत्येक बच्चे को मूल पेंशन का 25% हिस्सा मिलता है और अधिकतम दो बच्चों तक यह सुविधा लागू होती है। यदि बच्चों की संख्या अधिक है तो केवल पहले दो को ही यह लाभ मिलता है।

अनाथ पेंशन की स्थिति में सहायता

यदि सदस्य की मृत्यु के समय उसकी पत्नी नहीं है, तो उसके बच्चों को अनाथ पेंशन मिलती है। यह पेंशन विधवा पेंशन के 75% के बराबर होती है और यह भी अधिकतम दो बच्चों तक सीमित रहती है। यह सुविधा उस समय महत्वपूर्ण होती है जब बच्चे अकेले रह जाते हैं और उनकी देखभाल के लिए कोई स्थायी व्यवस्था जरूरी होती है।

यह भी देखें: 9000 रुपए की गारंटीड पेंशन! क्या प्राइवेट जॉब वालों को भी मिलेगा फायदा? EPFO से जुड़ी बड़ी खबर

नॉमिनी और आश्रित माता-पिता को मिलने वाली पेंशन

यदि सदस्य के पास कोई पत्नी, बच्चा या नामांकित व्यक्ति नहीं है, तो उसके माता-पिता को पेंशन मिलती है। यदि सदस्य की मृत्यु के समय उसने किसी को नॉमिनी बनाया है और कोई अन्य आश्रित नहीं है, तो वह नामांकित व्यक्ति भी पेंशन पाने का अधिकारी होता है। यह पेंशन तब तक मिलती है जब तक माता-पिता जीवित हैं या नामांकित व्यक्ति पात्र है।

हमारे Whatsaap चैनल से जुड़ें