पीएफ कटौती के नियम 2024 | EPF Deduction Rules in Hindi

प्राइवेट कंपनियों में कार्य करने वाले कर्मचारी EPF (Employees Provident Fund) से परिचित होंगे। यह निधि उनके भविष्य को सुरक्षित एवं सेवाएं प्रदान करने के

rohit

Written by Rohit Kumar

Published on

प्राइवेट कंपनियों में कार्य करने वाले कर्मचारी EPF (Employees Provident Fund) से परिचित होंगे। यह निधि उनके भविष्य को सुरक्षित एवं सेवाएं प्रदान करने के लिए दी जाती है। पीएफ कटौती के नियम इस आर्टिकल की सहायता से हम आपको समझाएंगे। EPFO (Employees Provident Fund Organization) के द्वारा यह नियम निर्धारित किए गए हैं। कर्मचारी के मासिक वेतन (मूल वेतन+DA) में से 12% PF अकाउंट में जमा होता है। एवं उतना ही भाग Employer द्वारा भी PF अकाउंट में जमा किया जाता है।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp
पीएफ कटौती के नियम 2024 | EPF Deduction Rules in Hindi
पीएफ कटौती के नियम

कुल 24% में से 8.33% भाग कर्मचारी के पेंशन अकाउंट में जाता है। जो उसे रिटायर होने के बाद मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त होता है। एवं 15.67% भाग पीएफ अकाउंट में जमा होता है। जिसे कर्मचारी विशेष उद्देश्यों के लिए निकाल सकते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आप इन नियमों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिस से आपको यह जानकारी होगी कि पीएफ अकाउंट में होने वाली कटौती की प्रकार होती है। एवं इसमें Employer की क्या भूमिका रहती है।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

पीएफ कटौती के नियम

EPFO में पंजीकृत कंपनियां अपने कर्मचारियों को पीएफ प्रदान करती हैं। EPFO द्वारा ही पीएफ कटौती के नियम निर्धारित किए गए हैं। जिनसे कर्मचारी पीएफ एवं पेंशन दोनों की जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं। इसके नियम निम्न प्रकार से हैं:

बेसिक सैलरी का 12 % PF अकाउंट में जमा होता है

EPFO पंजीकृत कंपनियों में कार्य करने वाले कर्मचारियों के मासिक वेतन जिसमें मूल वेतन एवं DA (महंगाई भत्ते) को सम्मिलित किया गया है। उसमें से 12% राशि को कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है। EPFO पंजीकृत वे कंपनियां जिनमें 20 या 20 से अधिक कर्मचारी होते हैं उन सभी पर यह नियम लागू होता है।

छोटी कंपनियां, कम कटौती

यदि किसी EPFO पंजीकृत कंपनी में 20 से कम कर्मचारी कार्य करते हैं तो वह कंपनी कर्मचारी के मासिक वेतन में से 10% राशि EPF अकाउंट में जमा कर सकती है। या अपने अनुसार उसे 12% भी रख सकती है। क्योंकि कंपनी को भी उतनी ही राशि जमा करनी होती है। ऐसे कुछ उद्योग जैसे बीड़ी फैक्ट्री, जूट फैक्ट्री, ईंट फैक्ट्री आदि में 10% तक की पीएफ काटने की छूट दी जाती है। अन्य कंपनियां भी हानि होने की स्थिति में यह कदम उठा सकती है। यह तब ही संभव हो सकता है जब Board for Industrial and Financial Reconstruction द्वारा कंपनी को Sick घोषित किया गया हो।

कर्मचारी के बराबर ही कंपनी को भी जमा करना पड़ता है

जितनी राशि कर्मचारी के मासिक वेतन में से पीएफ अकाउंट में जमा होती है उतनी ही राशि कंपनी द्वारा भी पीएफ अकाउंट में जमा की जाती है। ऐसे में कुल 24% राशि हो जाती है। एवं जिन कंपनियों में कर्मचारी के मासिक वेतन का 10% जमा किया जाता है, वे भी केवल 10% राशि ही अपनी ओर से पीएफ अकाउंट में जमा करती हैं। एवं ऐसे में कुल 20% राशि जमा होती है।

पेंशन अकाउंट में जाता है 8.33% भाग

किसी भी कर्मचारी के पेंशन अकाउंट में 8.33% भाग जमा किया जाता है। यह भाग कंपनी द्वारा जमा 12% में से होता है। एवं बाकी 3.67% भाग पीएफ अकाउंट में जमा होता है। ऐसे में कुल 24% में से 15.67% भाग पीएफ अकाउंट में जमा होता है। जब कर्मचारी रिटायर हो जाता है तब उसे पेंशन अकाउंट में जमा भाग ब्याज सहित कंपनी द्वारा प्रदान किया जाता है।

कर्मचारी अपने 12% भाग से ज्यादा जमा भी कर सकता है

EPFO द्वारा कर्मचारी को यह सुविधा प्रदान की जाती है जिस से वह अपने 12% हिस्से को बढ़ा कर भी पीएफ अकाउंट में जमा कर सकता है। यह सुविधा VPF (Voluntary Provident Fund) कहलाती है। इस VPF पर भी टैक्स एवं ब्याज के नियम EPF के समान ही लगते हैं। VPF में कंपनी द्वारा किसी प्रकार का योगदान नहीं होता है वह सिर्फ 12% राशि ही कर्मचारी के अकाउंट में जमा करती है।

पीएफ अंशदान पर ब्याज

EPF अकाउंट में प्रत्येक महीने जमा होने वाले बैलेंस पर ब्याज प्रदान किया जाता है। यह ब्याज दर प्रतिमाह आपके अकाउंट में दिखती नहीं है। जब सरकार द्वारा अंत में इस ब्याज दर की घोषणा की जाती है तो उस दर के अनुसार आपके पीएफ बैलेंस पर ब्याज प्रदान किया जाता है। यह ब्याज की दर को केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय बजट में निर्धारित किया जाता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह 8.15% है। जिस से कर्मचारी को लाभ प्राप्त होता है। निम्न में पिछले वर्षों में पीएफ पर प्रदान होने वाले ब्याज की दर इस प्रकार है:

  • 2018-19: 8.65%
  • 2019-20: 8.50%
  • 2020-21: 8.50%
  • 2021-22: 8.10%
  • 2022-23: 8.15%
  • 2023-24: 8.15%

किसी कंपनी में 20 से ज्यादा कर्मचारी होने पर PF कटौती अनिवार्य

EPFO द्वारा यह नियम बनाया गया है कि यदि किसी कंपनी में 20 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं तो उस कंपनी को EPFO में पंजीकरण करना अनिवार्य होता है। एवं अपने कर्मचारियों को पीएफ प्रदान करना होता है। यदि किसी कंपनी में 20 से कम कर्मचारी कार्य करते हैं तो वह भी अपने आप को EPFO में पंजीकृत कर सकती है। एवं अपने अंतर्गत कार्य करने वाले कर्मचारियों की पीएफ की सुविधा प्रदान कर सकती है।

नोट: सिनेमा थियेटर जैसे स्थानों पर 5 कर्मचारी होने पर भी EPFO में पंजीकरण करना अनिवार्य होता है।

इस प्रकार आप पीएफ कटौती के नियम की जानकारी जान सकते हैं। पीएफ कर्मचारी के भविष्य के लिए आवश्यक निधि है। EPFO पंजीकृत कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को पीएफ देना अनिवार्य होता है। कर्मचारी के नौकरी के 10 साल पूरे होने पर वह पेंशन प्राप्त करने का पात्र बन जाता है एवं रिटायर होने के बाद मासिक पेंशन को प्राप्त कर सकता है। एवं पूरी राशि को एक साथ भी प्राप्त कर सकता है।

eps 95 pension latest news
अब पेंशन से संबंधित समस्याओं के बारे में लेख

Leave a Comment

हमारे Whatsaap चैनल से जुड़ें