EPFO Pension: 17 लाख आवेदन, पर सिर्फ 8401 को मिली हायर पेंशन! क्यों?

उच्च पेंशन योजना ने लाखों को सपना दिखाया, लेकिन क्या यह वाकई आपके भविष्य को सुरक्षित करेगा? जानिए इस योजना की हकीकत, इसके फायदे, और क्यों अधिकांश सब्सक्राइबर अब कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।

rohit

Written by Rohit Kumar

Published on

EPFO Pension: 17 लाख आवेदन, पर सिर्फ 8401 को मिली हायर पेंशन! क्यों?

EPFO Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में उच्च पेंशन के लिए आवेदन स्वीकार किए, जिसके तहत 17.49 लाख सब्सक्राइबरों ने आवेदन किया। हालांकि, इनमें से केवल 8,401 सब्सक्राइबरों को ही यह लाभ प्राप्त हुआ। यह जानकारी लोकसभा में प्रस्तुत की गई, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि अधिकांश आवेदकों ने 15 हजार रुपये प्रति माह की अधिकतम सीमा के आधार पर योगदान दिया, भले ही उनका वास्तविक वेतन अधिक रहा हो।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

कर्मचारी पेंशन योजना विवरण

1995 में EPFO द्वारा शुरू की गई कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत, नियोक्ता बेसिक सैलरी का 8.33% कर्मचारी के पेंशन खाते में जमा करता है, जबकि कर्मचारी को 1.16% का योगदान करना होता है। सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर 2022 के आदेश के बाद, उच्च पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई। इस पहल ने लाखों कर्मचारियों को अपने पेंशन में वृद्धि की संभावना के प्रति आकर्षित किया, लेकिन इसकी जटिलताएं अब उजागर हो रही हैं।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

हायर पेंशन के लाभार्थियों की संख्या सीमित क्यों?

  1. रिटायरमेंट के बाद फंड निकासी: कई कर्मचारियों ने सेवानिवृत्ति के बाद पूरा फंड निकाल लिया, जिससे उनके पास उच्च पेंशन के लिए आवश्यक डिफरेंस अमाउंट जमा करने की क्षमता नहीं रही।
  2. कम योगदान: कुछ कर्मचारियों का योगदान 1,250 रुपये पर सीमित रहा, जबकि उनके बढ़ते वेतन के अनुरूप इसे बढ़ना चाहिए था।
  3. नियोक्ताओं की सहमति का अभाव: कई मामलों में नियोक्ताओं ने उच्च पेंशन के लिए सहमति नहीं दी, जिससे आवेदन लंबित रह गए।
  4. जानकारी में देरी: कई नियोक्ता और कर्मचारी समय पर आवश्यक दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध नहीं करा सके, जिससे प्रक्रिया बाधित हुई।

कर्मचारियों के लाभ और हानि

पुराने नियमों के तहत, पेंशन फंड में योगदान 15 हजार रुपये के अधिकतम वेतन पर सीमित था। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी ने 35 साल सेवा की, तो उसे केवल 7,500 रुपये मासिक पेंशन मिलती।
नए नियमों के तहत, पेंशन योग्य वेतन की गणना नौकरी के कुल वर्षों और अंतिम पांच वर्षों के औसत वेतन के आधार पर की जाएगी। उदाहरणस्वरूप, यदि अंतिम पांच वर्षों का औसत वेतन 50,000 रुपये रहा और नौकरी की अवधि 35 वर्ष रही, तो मासिक पेंशन 25,000 रुपये होगी।

EPFO की चुनौतियां और कोर्ट का रुख

EPFO द्वारा हाल ही में जारी निर्देशों ने कई कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को निराश किया है। इससे प्रभावित कर्मचारी अब कानूनी सहायता लेने की योजना बना रहे हैं। यह स्थिति उन नीतिगत और प्रशासनिक चुनौतियों को उजागर करती है, जिनका सामना संगठन और उसके सब्सक्राइबर कर रहे हैं।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap चैनल से जुड़ें