वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizens) समाज और देश की प्रगति में अपने अनुभव और योगदान से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण को लेकर सरकार ने कौन-कौन सी पहल की है, यह जानने के लिए राज्यसभा में आज बड़े सवाल उठे।
सांसद श्री जोस के. मणि ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री से वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कई अहम सवाल पूछे। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने अपनी योजनाओं और प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी।
राज्यसभा में उठे सवाल: वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य पर सरकार कितनी गंभीर?
आज राज्यसभा सत्र में सांसद श्री जोस के. मणि ने सरकार से सवाल किया कि वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने पूछा कि राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (NPHCE) के तहत वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क या रियायती दरों पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी जानना चाहा कि दूर-दराज के इलाकों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर पर ही स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रावधान किए गए हैं।
सरकार की ओर से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने दिया उत्तर
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2010-11 में राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (NPHCE) शुरू किया था। इसका उद्देश्य देश के बुजुर्गों को सुलभ, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दीर्घकालिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में उपचारात्मक और पुनर्वास संबंधी सेवाओं को शामिल किया गया है, जिससे बुजुर्गों को उनकी जरूरतों के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
आयुष्मान भारत योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को मिल रहा लाभ
राज्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को प्रतिवर्ष परिवार आधार पर 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष “आयुष्मान वय वंदना” कार्ड जारी किए जाते हैं, जिससे वे अस्पताल में इलाज के दौरान विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
NPHCE के तहत बुजुर्गों को सुलभ और निःशुल्क सेवाएं
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इसमें आयुष्मान आरोग्य मंदिर-स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों (एचडब्ल्यूसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), और जिला अस्पतालों में बुजुर्गों के लिए समर्पित जरा-चिकित्सा सेवाएं, फिजियोथेरेपी सेवाएं, और आईपीडी सेवाएं शामिल हैं।
विशेष अस्पतालों और केंद्रों की स्थापना
वरिष्ठ नागरिकों की विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और चेन्नई स्थित मद्रास मेडिकल कॉलेज में दो शीर्ष राष्ट्रीय वृद्धावस्था केंद्र (NCA) स्थापित किए हैं। इसके अलावा, देशभर में 17 क्षेत्रीय जरा-चिकित्सा केंद्र (RGC) बनाए गए हैं, जहां बुजुर्गों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं।
घर पर ही स्वास्थ्य सेवाएं: एक सराहनीय पहल
दूर-दराज के इलाकों में बुजुर्गों के लिए घर पर ही स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए NPHCE के तहत कई प्रावधान किए गए हैं। इनमें उप-केंद्रों के स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर पर जाकर बुजुर्गों की देखभाल करना शामिल है। इसके अलावा, परिवार के सदस्यों को बुजुर्गों की देखभाल का प्रशिक्षण देने के लिए भी व्यवस्था की गई है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पुनर्वास कार्यकर्ताओं को घर पर जाकर बिस्तर पर पड़े बुजुर्गों की देखभाल करने और उनके परिवारों को परामर्श देने की जिम्मेदारी दी गई है।
सरकार की प्रतिबद्धता: बुजुर्गों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य
केंद्र सरकार के इन प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि वह वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को लेकर गंभीर है। NPHCE और AB-PMJAY जैसी योजनाओं से न केवल बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो रही हैं, बल्कि उनकी गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है।
स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के प्रति सरकार की यह प्रतिबद्धता न केवल वरिष्ठ नागरिकों को राहत प्रदान करती है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि उनके अनुभव और योगदान का सम्मान किया जाता है।