EPS-95 पेंशनभोगियों की पेंशन में वृद्धि को लेकर लोकसभा से आयी अभी-अभी बड़ी खबर

EPS-95 पेंशन में बढ़ोतरी की मांग पर सरकार से तीखे सवाल, लेकिन वित्त राज्य मंत्री ने गोलमोल जवाब देकर पेंशनभोगियों को निराश किया। क्या सरकार न्यूनतम पेंशन में सुधार करेगी या यह मुद्दा केवल बहस तक सीमित रहेगा? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

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Written by Rohit Kumar

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EPS-95 पेंशनभोगियों की पेंशन में वृद्धि को लेकर लोकसभा से आयी अभी-अभी बड़ी खबर
EPS-95 पेंशनभोगियों की पेंशन में वृद्धि को लेकर लोकसभा से आयी अभी-अभी बड़ी खबर

EPS-95 Pension News: EPS-95 पेंशनभोगियों की लंबे समय से न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी की मांग लोकसभा तक पहुंच गई है। इस मुद्दे पर हाल ही में सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कई तीखे सवाल पूछे।

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उनकी मांग थी कि EPS-95 के तहत पेंशन राशि बढ़ाई जाए, जो वर्तमान में कई पेंशनभोगियों के लिए अपर्याप्त साबित हो रही है। ओवैसी ने इस विषय पर सरकार से स्पष्ट उत्तर मांगा, लेकिन वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा दिए गए जवाब से पेंशनभोगियों को निराशा ही हाथ लगी।

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लोकसभा में तीखे सवालों से सरकार को घेरा

सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में EPS-95 पेंशन को लेकर चार प्रमुख सवाल पूछे। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि:

  • क्या न्यूनतम पेंशन राशि में वृद्धि के लिए सरकार के पास कोई अभ्यावेदन प्राप्त हुआ है?
  • क्या EPS-95 के तहत पेंशन में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है?
  • श्रम, वस्त्र और कौशल विकास संबंधी स्थायी समिति की टिप्पणियों पर सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
  • क्या सरकार EPS-95 के तहत पेंशन बढ़ाने के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है?

सरकार का जवाब: गोलमोल और अस्पष्टता

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इन सवालों का जवाब दिया, लेकिन यह उत्तर पेंशनभोगियों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने बताया कि:

  • न्यूनतम पेंशन वृद्धि की मांग: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को विभिन्न ट्रेड यूनियनों और संगठनों से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए अभ्यावेदन मिले हैं।
  • पेंशन योजना की संरचना: EPS-95 एक ‘परिभाषित अंशदान-परिभाषित लाभ’ योजना है, जिसमें नियोक्ता वेतन का 8.33% योगदान करते हैं और सरकार 1.16% बजटीय सहायता देती है।
  • पेंशन निधि की स्थिति: 31 मार्च 2019 तक के मूल्यांकन के अनुसार, इस निधि में बीमांकिक घाटा हुआ है।
  • पिछले सुधार: वर्ष 2014 में सरकार ने पेंशनभोगियों को न्यूनतम ₹1,000 पेंशन देना शुरू किया था, जो अब भी जारी है।

वित्तीय आंकड़े: क्या दिखाते हैं?

सरकार ने EPS-95 पेंशन योजना के लिए पिछले पांच वर्षों में जो धनराशि प्रदान की है, वह निम्नलिखित है:

वर्ष1.16% योगदान (करोड़ रुपये)न्यूनतम पेंशन के लिए अनुदान सहायता (करोड़ रुपये)कुल (करोड़ रुपये)
2019-203696.6714005096
2020-216027.6114917519
2021-2217359.201119.1318478
2022-237785.0010008785
2023-248167.009609127

इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि सरकार ने पेंशन योजना के लिए कुछ योगदान तो किया है, लेकिन यह बढ़ोतरी या सुधार के लिए पर्याप्त नहीं है।

EPS-95 पेंशनभोगियों की स्थिति: सरकार की अनदेखी?

सांसद ओवैसी के सवालों का जवाब भले ही वित्त राज्य मंत्री ने दे दिया हो, लेकिन इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार फिलहाल पेंशन राशि में बढ़ोतरी का कोई इरादा नहीं रखती। वर्ष 2014 में जब सरकार ने न्यूनतम पेंशन ₹1,000 करने का कदम उठाया था, तब इसे एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में देखा गया था। लेकिन पिछले 9 वर्षों में इस राशि को संशोधित नहीं किया गया है।

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क्या कहते हैं पेंशनभोगी?

EPS-95 पेंशनभोगी, जो अपने जीवनयापन के लिए इस पेंशन पर निर्भर हैं, सरकार से न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। मौजूदा पेंशन राशि महंगाई के इस दौर में नाकाफी साबित हो रही है। पेंशनभोगियों का कहना है कि 2014 में किए गए सुधारों को अब और आगे बढ़ाने की जरूरत है।

लोकसभा में पेंशन पर बहस

लोकसभा में इस मुद्दे पर हुई बहस और सांसद ओवैसी द्वारा पूछे गए सवालों से यह स्पष्ट है कि EPS-95 पेंशनभोगियों की मांगें अभी भी अधूरी हैं। सरकार का रुख इस विषय पर अब तक टालमटोल भरा ही रहा है।

पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन में वृद्धि कब होगी, यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है। यह मुद्दा न केवल पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति से जुड़ा है, बल्कि सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्राथमिकताओं को भी उजागर करता है।

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