नई दिल्ली: महंगाई के इस दौर में, मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं, और इससे पहले आठवें वेतन आयोग का प्रपोजल आ चुका है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बजट में कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया जा सकता है।
आठवां वेतन आयोग: क्या हो सकते हैं बदलाव?
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त इजाफा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, आठवें वेतन आयोग में कई महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। सातवें वेतन आयोग के मुकाबले, इस बार सैलरी फिटमेंट फैक्टर के फॉर्मूले पर नहीं बढ़ेगी, बल्कि दूसरे फॉर्मूले से सैलरी इंक्रीमेंट दिया जा सकता है। इसके अलावा, हर 10 साल में एक बार वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया को बदलकर इसे हर साल किया जा सकता है।
वेतन आयोग का महत्व
हर 10 साल में एक बार केंद्रीय वेतन आयोग का गठन होता है, जो सरकारी कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर, भत्ते और लाभों की समीक्षा करता है और महंगाई के आधार पर आवश्यक बदलावों का सुझाव देता है। पिछले, यानी सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी 2014 को किया था, और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं।
सैलरी में संभावित इजाफा
सातवें वेतन आयोग के तहत, फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना था, जिससे बेसिक सैलरी में अपेक्षाकृत कम इजाफा हुआ। आठवें वेतन आयोग में इस फार्मूले को बदलकर, बेसिक सैलरी में 25 से 35 प्रतिशत तक इजाफा होने का अनुमान है। अगर ऐसा होता है, तो न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹25,000 हो सकती है। इसके अलावा, सैलरी रिवीजन का अंतराल 3 साल का किया जा सकता है।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें
तीसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार से उम्मीद की जा रही है कि बजट में आठवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया जाएगा। इस आयोग के गठन से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को वेतन और भत्तों में संभावित बढ़ोतरी मिल सकती है।
अब यह देखना बाकी है कि 23 जुलाई को बजट पेश करते समय सरकार क्या ऐलान करती है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए यह बजट महत्वपूर्ण हो सकता है।