केंद्र सरकार पेंशनभोगियों की एक लंबी मांग को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। बता दें, पेंशनभोगियों ने कम्युटेशन बहाली की अवधि को मौजूदा 15 साल से घटाकर 12 साल करने का प्रस्ताव दिया है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया है। इस प्रस्ताव में JCM स्टॉफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने पेंशनभोगियों के सभी लंबित मामलों को शामिल किया है, जिनमें कम्युटेशन बहाली की अवधि को कम करना प्रमुख है।
राष्ट्रीय परिषद JCM की भूमिका
राष्ट्रीय परिषद JCM पेंशनभोगियों की सभी मांगों को केंद्र सरकार के समक्ष रखती है और सीधे कैबिनेट सचिव के स्तर पर उठाती है। यह मांग पेंशनभोगी संघों द्वारा पिछले कई सालों से की जा रही है, जिसे राष्ट्रीय परिषद JCM के सचिव, शिव गोपाल मिश्रा, ने कहा कि यह उनका कर्तव्य है कि वह पेंशनभोगियों के इस महत्वपूर्ण मुद्दे को गंभीरता से सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें।
क्या है कम्युटेशन?
रिटायरमेंट के समय केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अपनी पेंशन का 40% हिस्सा एकमुश्त पैसे के रूप में लेने का विकल्प मिलता है, जिसे कम्युटेशन कहते हैं। इसके बदले उनकी पेंशन से हर महीने कटौती की जाती है, जो वर्तमान में 15 साल तक चलती है। अगर रिटायर व्यक्ति एक साल के भीतर कम्युटेशन का विकल्प चुनता है, तो उसे चिकित्सा परीक्षण से नहीं गुजरना पड़ता।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि कम्युटेशन की वास्तविक रिकवरी 10 साल 8 महीने में पूरी हो जाती है, ऐसे में 15 साल तक रिकवरी करना अनुचित है। इस फैसले के बाद हरियाणा के वित्त विभाग ने पेंशनभोगियों की रिकवरी पर रोक लगा दी। इसके बाद विभिन्न अदालतों के माध्यम से पेंशनभोगियों ने अपने अधिकारों के लिए स्टे लिया है।
सरकार की संभावित कार्रवाई
राष्ट्रीय परिषद जेसीएम स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने इस मांग को प्रमुखता से सरकार के समक्ष रखा है और पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि सरकार इस जायज मांग को पूरा करेगी। सरकार से उम्मीद है कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए एक सर्वसामान्य आदेश जारी करेगी, ताकि पेंशनभोगियों के साथ न्याय हो सके।
अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे
इसके साथ ही, स्टाफ साइड ने कुछ और महत्वपूर्ण मुद्दों को भी सरकार के समक्ष रखा है। इसमें पेंशन को आयकर से मुक्त करने और सीनियर सिटीजन को रेलवे किराए में छूट प्रदान करने की मांग भी शामिल है। पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि सरकार इन मांगों पर भी सकारात्मक कार्रवाई करे।