19 अप्रैल 2024 को रेलवे विभाग ने 7th Pay Commission की लंबित सिफारिशों को लागू करते हुए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, रेलवे द्वारा कर्मचारियों को लिस्टेड प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए वार्ड इनटाइटलमेंट का निर्धारण किया गया है।
7th Pay Commission की सिफारिशों का लागू होना
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी हुई थी, जिसके चलते हॉस्पिटल्स में वार्ड इनटाइटलमेंट में बदलाव किया गया था। हालांकि, रेलवे कर्मचारियों के लिए यह बदलाव नहीं किया गया था, जिसे लेकर कर्मचारियों की मांग लंबे समय से बनी हुई थी। 19 अप्रैल 2024 को मिनिस्ट्री ऑफ रेलवेज, रेलवे बोर्ड द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को यह आदेश जारी किया गया है।
रेलवे का नया आदेश और वार्ड इनटाइटलमेंट
नए आदेश के अनुसार, अब रेलवे कर्मचारियों का वार्ड इनटाइटलमेंट बाकी केंद्रीय कर्मचारियों की तरह ही बदल गया है।
SN | 7th CPC Basic Pay | Entitlement |
---|---|---|
1 | Upto ₹36,500 | General Ward |
2 | ₹36,501 to ₹50,500 | Semi-Private Ward |
3 | Above ₹50,500 | Private Ward |
इस आदेश में कहा गया है कि जिन रेलवे कर्मचारियों की बेसिक पे ₹36,500 तक है, उन्हें जनरल वार्ड मिलेगा। जिनकी बेसिक पे ₹36,501 से ₹50,500 तक है, उन्हें सेमी-प्राइवेट वार्ड में ट्रीटमेंट मिलेगा। वहीं, जिनकी बेसिक पे ₹50,500 से अधिक है, उन्हें प्राइवेट वार्ड मिलेगा।
ये नए वार्ड इनटाइटलमेंट सभी पैनल वाले प्राइवेट अस्पतालों में लागू होंगे और रेलवे कर्मचारियों को इन अस्पतालों में नई व्यवस्था के अनुसार मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी।
महंगाई भत्ता बढ़ोतरी का आदेश भी जारी
रेलवे बोर्ड ने 26 अप्रैल 2024 को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें महंगाई भत्ते (DA) 50% होने के बाद अन्य भत्तों में 25% की बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। हालांकि, बढ़ोतरी को अभी तक लागू नहीं किया गया था। रेलवे बोर्ड ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि AIMS मोड्यूल्स में CRIS द्वारा अपडेट की कमी के कारण यह बढ़ोतरी नहीं हो सकी थी, लेकिन अब सिस्टम को अपडेट कर लिया गया है और सभी भत्तों में 25% बढ़ोतरी का फायदा कर्मचारियों को मिलेगा।
इस आदेश से रेलवे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है और उनकी लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी हुई हैं। इस बढ़ोतरी से अब रेलवे कर्मचारी भी बेहतर मेडिकल सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।