नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बार के पूर्ण बजट में उनकी मांगो को पूरा किया जाएगा। जुलाई में पेश होने वाले बजट को लेकर एनसी जेसीएम स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने वित्त मंत्री से निम्नलिखित मांगो पर विचार करने का अनुरोध किया है:
पुरानी पेंशन योजना की बहाली:
1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के कारण उनके परिवारों में असुरक्षा का माहौल है।
आठवां केंद्रीय वेतन आयोग का गठन
सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था। इसके अनुसार, वेतन आयोग हर 10 साल में लागू होता है। वर्तमान में डीए 50% को पार कर चुका है, इसलिए आठवां केंद्रीय वेतन आयोग तुरंत गठित करने की मांग की जा रही है।
पेंशन कम्यूटेशन की बहाली
पेंशन कम्यूटेशन की बहाली की अवधि को 15 वर्षों से घटाकर 12 वर्ष करने की मांग की जा रही है, क्योंकि वर्तमान में ब्याज दरों में गिरावट के कारण कम्यूटेशन की रिकवरी 12 वर्षों में वसूल हो जाती है।
आयकर स्लैब में सुधार
सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आयकर स्लैब को तार्किक बनाने और स्टैंडर्ड डिडक्शन, धारा 88सी के तहत डिडक्शन और अन्य छूट प्रदान करने की मांग की जा रही है।
पेंशनभोगियों को आयकर से छूट
रिटायरमेंट के बाद पेंशनभोगियों को आयकर से छूट देने की मांग की जा रही है, क्योंकि उनके खर्च बढ़ जाते हैं और उनकी आय सीमित हो जाती है।
चिकित्सा सुविधाओं में सुधार
केंद्रीय कर्मचारियों और रेलवे कर्मचारियों के लिए CGHS और RLHS के तहत चिकित्सा सुविधाओं में सुधार करने की मांग की जा रही है, ताकि विशेष उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती होना आसान हो सके।
आवास ऋण की वसूली की पद्धति में सुधार
गृह निर्माण भत्ते की वसूली की पद्धति को संशोधित करने की मांग की जा रही है, ताकि पहले मूलधन की वसूली हो और बाद में ब्याज की कटौती की जाए।
स्टाफ साइड ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इन मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने और आगामी बजट में इन्हें शामिल करने की अपील की है। उनका कहना है कि इन मुद्दों का समाधान केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत देगा और उनके मनोबल को बढ़ाएगा।