बढ़ती महंगाई के बीच सरकारी कर्मचारियों की नजरें वेतन वृद्धि पर टिकी हुई हैं। जहां केंद्र सरकार के कर्मचारी 8वें वेतनमान की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस शासित कर्नाटक सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए अपने कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की घोषणा
सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में घोषणा की गई कि सरकारी कर्मचारियों को 1 अगस्त से 27.5% वेतन वृद्धि मिलेगी।
सातवें राज्य वेतन आयोग की सिफारिशें
एक अधिकारी ने बताया कि 19 नवंबर, 2022 को गठित सातवें राज्य वेतन आयोग को राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन की मांगों पर विचार करने का काम सौंपा गया था। आयोग ने 24 मार्च, 2024 को अपनी रिपोर्ट पेश की।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, “वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार 15 जुलाई 2024 को कैबिनेट की बैठक में 1 जुलाई 2022 तक मूल वेतन में 31% महंगाई भत्ता और 27.5% का फिटमेंट जोड़कर वेतन और पेंशन को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है। इस संशोधन के परिणामस्वरूप कर्मचारियों के मूल वेतन और पेंशन में 58.5% की पर्याप्त वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त मकान किराया भत्ते में 32% की वृद्धि होगी।”
वेतन और पेंशन में वृद्धि
कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन ₹17,000 से बढ़कर ₹27,000 हो जाएगा, जबकि अधिकतम वेतन ₹1,50,600 से संशोधित होकर ₹2,41,200 हो जाएगा। न्यूनतम पेंशन ₹8,500 से बढ़कर ₹13,500 हो जाएगी और अधिकतम पेंशन ₹75,300 से संशोधित होकर ₹1,20,600 हो जाएगी। यह संशोधन विश्वविद्यालयों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों और स्थानीय निकायों पर भी लागू होगा।
बजटीय प्रावधान और आर्थिक प्रभाव
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “इस वेतन संशोधन से प्रति वर्ष ₹20,208 करोड़ का अतिरिक्त व्यय होगा और 2024-25 के बजट में आवश्यक बजटीय प्रावधान किए गए हैं। वेतन वृद्धि का उद्देश्य मनोबल और उत्पादकता को बढ़ावा देना है।”
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का समर्थन
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर: आज हुई कैबिनेट की बैठक में बहुप्रतीक्षित 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया गया। सिफारिशें 1 अगस्त से लागू होंगी।”
हड़ताल की धमकी और सरकार की प्रतिक्रिया
यह मंजूरी कर्नाटक राज्य सरकार के कर्मचारी संघ द्वारा वेतन वृद्धि लागू नहीं होने पर अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी के बाद मिली है। मार्च 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कर्मचारियों को अंतरिम 17% वेतन वृद्धि की अनुमति दी थी।
कर्नाटक सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का कार्यान्वयन राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है। यह कदम न केवल कर्मचारियों के आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि उनके मनोबल और उत्पादकता को भी बढ़ावा देगा। इस वेतन वृद्धि से राज्य सरकार पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा, लेकिन इसे बजट में समाहित करने के प्रयास किए गए हैं। कर्मचारियों और सरकार के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।