
Form 15G टैक्स बचाने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है, जिसे अक्सर PF निकासी या बैंक FD पर मिलने वाले ब्याज की टैक्स कटौती से बचने के लिए उपयोग किया जाता है। आयकर कानून के तहत यह फॉर्म उन लोगों के लिए बेहद मददगार होता है जिनकी कुल वार्षिक आय टैक्सेबल लिमिट से कम है, लेकिन उनके निवेश पर बैंक या संस्था TDS काट लेती है।
यह भी देखें: PF Account Activation: बंद पड़ा PF अकाउंट फिर से कैसे करें एक्टिव? स्टेप-बाय-स्टेप आसान तरीका यहां देखें
Form 15G की मूल जानकारी
Form 15G एक स्व-घोषणा पत्र है जो भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 197A के अंतर्गत आता है। यह फॉर्म व्यक्ति द्वारा यह घोषित करने के लिए भरा जाता है कि उसकी कुल आय कर-योग्य सीमा से कम है, इसलिए उस पर TDS लागू नहीं होना चाहिए। खास बात यह है कि इसे केवल वही भारतीय निवासी भर सकते हैं जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो और जिनकी कुल इनकम टैक्स छूट की सीमा के भीतर हो।
PF Withdrawal या FD Interest पर TDS से कैसे बचाता है
कई बार जब कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि-PF निकालते हैं और वह 5 साल से कम सेवा के बाद ₹50,000 या उससे अधिक की रकम होती है, तो TDS काटा जाता है। ऐसे में यदि आपकी इनकम टैक्स सीमा से नीचे है, तो आप Form 15G जमा करके इस TDS को रोक सकते हैं।
उसी प्रकार बैंक Fixed Deposit (FD) पर यदि एक वित्तीय वर्ष में मिलने वाला ब्याज ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से अधिक हो जाता है, तो बैंक TDS काटने लगते हैं। यदि आपकी कुल आय टैक्स छूट सीमा से कम है, तो आप Form 15G जमा कर TDS से बच सकते हैं। यह फॉर्म बैंक को यह बताने का तरीका है कि आपकी इनकम पर टैक्स नहीं बनता।
कौन भर सकता है Form 15G
Form 15G भरने के लिए जरूरी है कि आवेदक भारतीय निवासी हो और उसकी उम्र 60 वर्ष से कम हो। साथ ही, उसकी अनुमानित कुल आय उस वर्ष की टैक्स स्लैब की न्यूनतम सीमा से कम हो। उदाहरण के तौर पर, यदि उस वर्ष की टैक्स छूट सीमा ₹2.5 लाख है और आपकी इनकम इससे कम है, तो आप Form 15G के लिए पात्र हैं। यह नियम हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और ट्रस्ट पर भी लागू होता है, लेकिन कंपनियों और फर्मों को यह छूट नहीं मिलती।
यह भी देखें: Pension Hike After 65: क्या 65 की उम्र के बाद बढ़ जाती है पेंशन? जानें पेंशन कैसे बढ़ती है
Form 15G कैसे भरें और जमा करें
Form 15G में आपको अपना नाम, PAN नंबर, पता, मोबाइल नंबर, अनुमानित आय और निवेश की जानकारी देनी होती है। इसके अलावा एक घोषणा करनी होती है कि आपके द्वारा दी गई जानकारी सत्य है और आपकी कुल आय पर कोई टैक्स देय नहीं है। इसे आप मैनुअली बैंक या PF ऑफिस में जाकर जमा कर सकते हैं या आजकल कई बैंक ऑनलाइन भी इसकी सुविधा प्रदान करते हैं।
EPFO के पास भी आप ऑनलाइन UAN पोर्टल के माध्यम से Form 15G जमा कर सकते हैं, जिससे PF निकालने पर TDS से बचा जा सकता है।
हर साल क्यों जरूरी है यह फॉर्म भरना
Form 15G हर वित्तीय वर्ष के लिए अलग से भरना होता है। यदि आप FD पर TDS से बचना चाहते हैं, तो आपको हर साल अप्रैल में अपने बैंक में यह फॉर्म जमा करना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर बैंक आपके ब्याज पर TDS काटना शुरू कर देगा, भले ही आपकी आय टैक्स सीमा से कम हो।
गलत जानकारी देने पर क्या होता है
अगर आपने झूठी जानकारी देकर Form 15G जमा किया और बाद में यह साबित हो गया कि आपकी आय टैक्स स्लैब में आती है, तो यह आयकर कानून के तहत अपराध माना जाएगा। ऐसे में आप पर जुर्माना लग सकता है और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इसलिए यह फॉर्म भरते समय पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।
यह भी देखें: EPS 95 Pension Scheme: EPS 95 का फायदा कौन ले सकता है? जानिए पात्रता की पूरी लिस्ट वरना चूक जाएंगे मौका