UPS: भारतीय सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य पेंशन योजनाओं को सरल और अधिक प्रभावी बनाना है। इस योजना के तहत, केवल पत्नी को ही पारिवारिक पेंशन का हकदार माना जाएगा, बशर्ते कि वह सेवानिवृत्ति के समय विवाहित थी। इस नई प्रणाली के तहत, पुरानी पेंशन योजना के विपरीत, पेंशनभोगी के पुत्र या पुत्रियों को पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के मुख्य आयाम
- पारिवारिक पेंशन का सीमित पात्रता: इस योजना के अंतर्गत पारिवारिक पेंशन केवल पत्नी को दी जाएगी, जो कि सेवानिवृत्ति के समय वैवाहिक संबंध में थी।
- एकमुश्त भुगतान की सुविधा: सेवानिवृत्ति के समय, कर्मचारी अपने योगदान का 60 प्रतिशत तक निकाल सकेंगे, जबकि शेष राशि से पेंशन दी जाएगी। यह पेंशन DA और वेतन के 1/10वें हिस्से के आधार पर गणना की जाती है।
- निवेश और फंड प्रबंधन: UPS में जमा किया गया सारा पैसा बाजार में निवेशित किया जाएगा, जिसमें से 8.5% हिस्सा रिजर्व फंड में सुरक्षित रखा जाएगा। इस प्रक्रिया को केंद्रीय सरकार की संबंधित एजेंसी द्वारा संचालित किया जाएगा।
नई पेंशन नीति के लिए चुनौतियाँ
यूनिफाइड पेंशन स्कीम का प्रमुख उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के लिए एक स्थिर और निश्चित पेंशन सुनिश्चित करना है, जिससे उनके वृद्धावस्था के दिनों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जा सके।
हालांकि, इस योजना के सीमित पात्रता नियम और पारिवारिक पेंशन के लिए केवल पत्नी को ही योग्य मानने का नियम समाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से विवादास्पद हो सकता है। इस परिवर्तन से सरकारी खजाने पर बोझ कम हो सकता है, लेकिन इससे कर्मचारी परिवारों में वित्तीय अनिश्चितता भी बढ़ सकती है।