UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधान परिषद में न्यू पेंशन स्कीम (NPS) पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि बीजेपी सरकार के गठन के बाद राज्य के लगभग आठ लाख कर्मचारियों के पेंशन खाते खोले गए हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम था क्योंकि 2005 में NPS लागू होने के बाद भी, 2017 तक किसी भी कर्मचारी का पेंशन खाता नहीं खोला गया था।
पिछली सरकारों का निष्क्रियता
मुख्यमंत्री ने बताया कि जब 2005 में NPS लागू हुई, तब प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सरकार थी। उसके बाद 2007 से 2012 तक बसपा और 2012 से 2017 तक सपा सत्ता में थी। लेकिन, इन वर्षों में एक भी कर्मचारी का पेंशन खाता नहीं खोला गया था। यह स्थिति 2018 में बीजेपी सरकार के सज्ञान में आई।
पेंशन सुधार के लिए गठित कमेटी
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2018 में इस समस्या को हल करने के लिए तत्कालीन फाइनेंस सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई। इस कमेटी में संबंधित विशेषज्ञों को शामिल किया गया और कर्मचारी संगठनों से भी चर्चा की गई। अध्ययन में पाया गया कि सरकार को अपने अंशदान को बढ़ाना होगा ताकि कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद पर्याप्त पेंशन मिल सके।
सरकारी अंशदान में वृद्धि
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पेंशन स्कीम में सरकार के अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया है। इसके साथ ही 2005 से 2017 तक का वह पैसा, जो कर्मचारियों के खाते में नहीं जमा हो पाया था, उसे भी कर्मचारियों के खाते में जमा करने का कार्य किया गया।
पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2005 में NPS लागू होने के समय जिन कर्मचारियों की नियुक्ति अंतिम चरण में थी, उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत रखा गया। इनमें से 70,000 कर्मचारियों में एक बड़ी संख्या शिक्षकों की है।
निजी बैंकों में पैसे जमा करने की शिकायत
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत प्राइवेट बैंकों में धनराशि जमा करने की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है और आवश्यक कार्रवाई भी की गई है। सरकार का ध्यान है कि किसी भी सरकारी योजना का पैसा राष्ट्रीयकृत बैंक में ही जमा हो।
विधान परिषद में विपक्षी नेता को बधाई
बता दें, मुख्यमंत्री ने लाल बिहारी यादव को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनने पर बधाई दी और हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि आशा है कि वे हमेशा नेता विरोधी दल बने रहें। उन्होंने कहा कि उच्च सदन में सभी समाज के प्रतिनिधित्व का महत्व है और सरकार उनकी भावनाओं का पूरा सम्मान करती है।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के पेंशन सिस्टम में महत्वपूर्ण सुधार करते हुए कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं।