किसी भी सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट पर उसे कम्युटेशन करवाने का विकल्प दिया जाता है, बता दें कर्मचारी के रिटायरमेंट पर उन्हे पेंशन और ग्रेड्यूटी के अलावा कम्युटेशन के तौर पर एक लमसम अमाउंट दी जाती है। इसमें सिबिल/ सरकारी कर्मचारी को पेंशन का 40% और डिफेंस फोर्सेज को उनकी पेंशन का 50% कम्युटेशन दिया जाता है, हालांकि कम्युटेशन के लिए कई कर्मचारियों को इसके लाभ और हानि के बारे में अधिक जानकारी नही होती है, जिसके चलते वह बिना जाने ही कम्युटेशन करवा लेते हैं।
जैसे बाद उन्हें इसके नुकसान के बारे में पता चलता हैं, जिसमें बहुत देर हो चुकी होती है। इस लेख के आप कम्युटेशन रिकवरी के असली सच्चाई क्या है? इससे कैसे कर्मचारियों को लाखों का नुकसान हो रहा है और वह कैसे रुकवाकर अपनी रिकवरी कर सकेंगे इससे संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
15 साल तक होती है इसकी रिकवरी
बता दें रिटायरमेंट आ रहे किसी भी कर्मचारी द्वारा एक बारे कम्युटेशन करवाने के बाद वह इसे रुकवा नहीं सकते। सरल भाषा में कहे तो कर्मचारी अपनी सात सालों की पेंशन का 40 फीसदी हिस्सा सरकार से एडवांस में ले लेता है, जिसपर वह अपनी पेंशन का 40% कम्यूट करवा सकता है इसके बाद सरकार उसकी पेंशन से हर महीने कटौती करके एडवांस में दी गई पेंशन की रिकवरी करती है।
यह कटौती 15 साल तक चलती है, 15 साल पूरे होने के बाद आपको पूरी पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है, इस रिकवरी को बीच में नहीं रोका का सकता है और ना ही इसमें निर्धारित अवधि से पहले बीच में पैसे भरकर रिकवरी की जा सकती है।
इतना देना होगा कर्मचारी को ब्याज के रूप में पैसा
बता दें पीपुल एडवाइजरी सर्विसेज ईवीई इंडिया के निदेशक पुनीत गुप्ता का कहना है की ‘एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम का पारा 12A के तहत कोई भी कर्मचारी अपनी मंथली पेंशन की जगह एक तिहाई कम्यूटेड पेंशन का दावा कर सकता है, जिसके बाद वर्ष, 2020 को जोड़े गए पारा 12B के तहत जिस कर्मचारी ने 12A के तहत पेंशन ली है उन्हे, 15 साल की कटौती के बाद ही पूरी पेंशन मिलेगी। यह अवधि 15 साल की होने के कारण आपको पैसा कम मिलता है लेकिन आपकी पेंशन पर लगने वाले ब्याज सहित अधिक राशि कट जाती है।
मान लीजिए यदि कोई कर्मचारी 60 वर्ष की आयु में रिटायर हो रहा है तो उसे 19,66560 रूपये मिलते हैं, लेकिन वह ब्याज के रूप में 10,33440 रूपये भरते हैं और इस तरह वह 15 सालों में सरकार को 30,00000 रूपये भर देते हैं, जबकि उन्हे केवल 19,66560 रूपये ही मिलते हैं।
11 साल में होते हैं वास्तविक रिकवरी
दरअसल वास्तविक रूप से कम्युटेशन रिकवरी 15 साल से पहले 11 साल में पूरी हो जाती है। इसे लेकर कुछ जानकारों ने हाई कोर्ट की और रुख करते हुए यह सवाल उठाया की जब कम्युटेशन की वास्तविक रिकवरी 10 साल 8 महीने में पूरी हो जाती है तो सरकार 15 साल तक रिकवरी क्यों करती है? जिसके बाद से इस विषय पर सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट का आदेश जारी किया गया है।
कम्युटेशन रिकवरी पर कई लोगों द्वारा याचिका दायर की गई है, जिनमे सबसे पहले याचिका 1 मई, 2023 में शीला देवी की और से जारी की गई थी। जिसके बाद पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मुद्दे को समझते हुए कम्युटेशन रिकवरी पर से लगा दिया, इसके बाद से कई और पेंशनभोगियो ने भी कोर्ट का रुख किया है, जिसपर अभी कोर्ट की और से से लगाया गया है।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया स्टे
बता दें शील देवी (केस संख्या CWP-9426-2023) की तरफ से सबसे पहले इसके खिलाफ याचिका दर्ज की गई थी, इस केस की जानकारी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। जिसके बाद से इस मुद्दे पर दर्ज अन्य पेंशनभोगियो की याचिकाओं के बाद सबकी रिकवरी पर उन्हे स्टे मिला है।
हालांकि अभी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसके ऊपर स्टे दिया है और अभी तक कोई नतीजा नहीं आया है जिसके बाद इसकी अगली सुनवाई 21 अगस्त, 2024 को की जाएगी। ऐसे में कोर्ट की तरफ से जब तक कोई नतीजा नहीं आता है तब तक स्टे जारी रहेगा और पेंशनर्स की रिकवरी बंद रहेगी।
ऐसे रुकवाएं अपनी रिकवरी
जो पेंशनधारक अपने कम्युटेशन रिकवरी पर रोक लगवाना चाहते हैं, तो वह कोर्ट की और रुख कर सकते हैं। यानी वह भी इस मामले में अपनी याचिका कोर्ट में दर्ज करवा सकते हैं और अपने केस का हवाला देकर रिकवरी को रुकवा सकते हैं, केवल यही एक माध्यम है, जिसके जरिए आपकी रिकवरी रुक सकती है।