सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी है। क्योंकि सरकार ने एरियर ग्रेच्युटी, पेंशन, PPO (पेंशन भुगतान आदेश), और कम्यूटेशन बहाली के मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। आप सभी को यह बता दे की अब एरियर और ग्रेच्युटी के भुगतान करने में तेजी लाई जाएगी। जिससे कर्मचारियों और पेंशनधारकों को समय पर उनके हक की राशि मिल पायेगी।
साथ ही, पेंशनभोगियों के लिए PPO और कम्यूटेशन बहाली की प्रक्रिया को भी 11 साल की अवधि के भीतर पूरा करने का फैसला किया गया है। इनके भुगतान से पेंशनभोगियो के आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। जिससे वह अपने भविष्य के लिए बेहतर योजना बना सकेंगे। इन फैसलों से लाखों कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। आइए इसके बारे अधिक जानकारी जानते है।
1) सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा है की सीआरपीएफ के नियमों के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति’ देना सीआरपीएफ अधिनियम 1949 के तहत बल पर अनुशासनात्मक नियंत्रण बनाए रखने के उद्देश्य से वैध है। सीआरपीएफ में हेड कांस्टेबल संतोष कुमार तिवारी पर यह आरोप था की उनके द्वारा अपने सहकर्मी पर हमला किया था। जांच के बाद अधिकारियों ने 16 फरवरी 2006 को उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी। संतोष कुमारी के द्वारा इस फैसले के खिलाफ विभाग में यह अपील की जिसको 28 जुलाई 2006 को खरीद कर दिया गया था।
आप सभी को यह बता दे की यह मामल सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था जहां पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा याचिकाकर्ता को को दोषी ठहराते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया की यदि सरकार अनुशासन बनाए रखने के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति का नियम बनाती है, तो यह नियम वैध है।
2) इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
आप सभी को यह बता दे की इलाहब हाईकोर्ट के द्वारा यह फैसला लिया गया है। जिसमे कोर्ट के द्वारा यह कहा गया है की ग्रेच्युटी का हक रिटायरमेंट की आयु पर नहीं बल्कि सेवाकाल पर आधारित होगी।
क्या था पूरा मामला
आप सभी को यह बता दे की याचिकाकर्ता एक सहायता प्राप्त इंटरनेडिएट कॉलेज में शिक्षक थे। जिन्होंने 57 वर्ष की आयु में सेवा से सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना था। सेवारत शिक्षकों के लिए यह नियम है की जो भी कर्मचारी 10 वर्षों के लिए नियमित सेवा पूरी नहीं करते है। वह कर्मचारी पेंशन के हकदार नहीं होते है। जब तक की वह कर्मचारी 60 वर्ष की आयु में रिटायर होने के विकल्प का चयन करते है।
याचिकाकर्ता इस शासनादेश के दायरे से बाहर होने के कारण ग्रेच्युटी के लिए पात्र नहीं था। इसके बाद मामला जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पास भेजा गया, जिन्होंने यह बताया की मौजूदा नियमों के अनुसार ग्रेच्युटी केवल उन्हीं कर्मचारियों को देय है। जिन्होंने 60 वर्ष की आयु में रिटायर होने के विकल्प का चयन किया है।
इसके बाद मामला इलाहबाद हाईकोर्ट पहुंचा। जहां पर कोर्ट ने यह कहा है की किसी व्यक्ति के पास 60 वर्ष की बजाय 62 वर्ष की आयु में रिटायर होने का विकल्प है, तो इससे उसकी ग्रेच्युटी पाने का अधिकार समाप्त नहीं होगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ग्रेच्युटी कर्मचारियों की सेवा के वर्षों के आधार पर अर्जित की जाती है, ना कि रिटायरमेंट की उम्र के आधार पर।
3) कम्युटेशन बहाली 11 साल पर
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कम्युनिकेशन को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है की कोर्ट ने रामस्वरूप जिंदल मामले की सुनवाई करते हुए है यह कहा है की बहाली की अवधि 15 साल से घटाकर 11 वर्ष करनी चाहिए। कोर्ट ने यह निर्णय 2006 से ब्याज दर में लगातार गिरावट को ध्यान में रखते हुए लिया। 2010 में ब्याज दर 8% थी और वर्तमान में यह लगभग 7% है।
इसके आधार पर गणना की गई तो कम्युनिकेशन की वसूली 10 वर्ष 8 महीने पूरी हो जाती है। इसलिए कोर्ट के द्वारा यह फैसला दिया की कम्यूटेशन की बहाली की अवधि 15 साल से घटाकर 11 वर्ष की जाए। और भविष्य की वसूली पर रोक लगाने के आदेश दिए है।
4) पेंशनभोगी अपने PPO में कराए आवश्यक सुधार
अगर आप भी एक पेंशनधारक है तो अपने PPO को नियमित रूप से चेक करते रहिए। अगर उसमे आपको कोई गड़बड़ी दिखाई देती है तो आपको उसमे तुरंत सुधार कर लेना चाहिए। क्योंकि गलत एंट्री होने के कारण आपको गलत पेंशन मिल सकती है।
एक ऐसा मामला भी सामने आया है की जिसमे एक पेंशनभोगी को 1 लाख 70 हजार रुपए का नुकसान हुआ था। काफी संघर्ष के बाद उन्हें पेंशन अदालत के माध्यम से एरियर का भुगतान मिल पाया। आप सभी को यह बता दे की रामलाल केसरवानी 28 फरवरी 2011 को सेना से रिटायर हुए थे। पीपीओ में गलत एंट्री के कारण उन्हें गलत पेंशन दी गई थी। उसके बाद उनके पीपीओ को संशोधित किया गया था। लेकिन तारीख की गलत प्रविष्टि के कारण 21 महीने का बकाया भुगतान नहीं हो पाया। इसलिए, यदि आपकी PPO में कोई गड़बड़ी है तो उसे जल्द से जल्द सुधरवा लें।
5) CGHS लाभार्थियों के लिए बड़ी ख़बर
लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद पेसनिओंभोगी जून में CGHS के अतिरिक्त निदेशक के कार्यालय का घेराव करेंगे। रांची जीपीओ प्रांगण में पेंशनभोगी संगठनों की एक बैठक में एक निर्णय लिया गया था। बैठक के दौरान पेंशनभोगी ने यह तय किया है की जून CGHS के अतिरिक्त निदेशक के कार्यालय का घेराव किया जाएगा। पेंशनभोगियों की कई समस्याओं का समाधान अब तक नहीं किया गया है, और इसके साथ साथ CGHS वेलनेस सेंटर पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लंबित मेडिकल बिलों समेत कई मुद्दों को लेकर यह घेराव किया जाएगा।