झारखंड के सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक और प्लस टू स्कूलों के शिक्षकों को भी अन्य राज्यकर्मियों की तरह सुनिश्चित वित्त योजना (MACP) या पेंशन योजना का लाभ मिलने की संभावना है। शुक्रवार को शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित अंतर्विभागीय समिति की बैठक में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें विभिन्न शिक्षक संघों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। यह बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देशानुसार आयोजित की गई थी।
शिक्षकों की वित्तीय उन्नयन की मांग
इस बैठक में शिक्षकों द्वारा लंबे समय से की जा रही MACP की मांग पर गहन विचार-विमर्श हुआ। शिक्षक संघों ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया कि राज्य के अधिकांश शिक्षक बिना किसी वित्तीय उन्नयन के सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जबकि राज्य सरकार के अन्य कर्मचारियों को यह लाभ प्राप्त है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए इसे शिक्षक समुदाय के लिए आवश्यक बताया।
प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में
शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने शिक्षकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए MACP का लाभ देने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 25 अगस्त तक इस प्रस्ताव को तैयार कर कैबिनेट में पेश करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय झारखंड के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हो सकता है, क्योंकि इससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और उन्हें अन्य राज्यकर्मियों के समान लाभ प्राप्त होंगे।
ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव की संभावना
बैठक में केवल MACP पर ही नहीं, बल्कि शिक्षकों के छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने और अंतरजिला स्थानांतरण नीति में सुधार की भी चर्चा हुई। शिक्षक संघों ने मांग की कि सेवा काल में कम से कम एक बार शिक्षकों को उनके गृह जिले में स्थानांतरित करने का अवसर दिया जाए। इस पर शिक्षा सचिव ने आश्वासन दिया कि अंतरजिला स्थानांतरण नियमावली की समीक्षा की जाएगी और आवश्यक सुधार किए जाएंगे। साथ ही, जिले के अंदर लंबित अंतर्जिला स्थानांतरण के कार्यों को भी शीघ्र निष्पादित करने का आश्वासन दिया गया।
बैठक में उपस्थित प्रतिनिधि
इस महत्वपूर्ण बैठक में वित्त विभाग के हेमंत नारायण शाहदेव, कार्मिक विभाग के आसिम हसन और अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के अनूप केशरी, राम मूर्ति ठाकुर, नसीम अहमद, असदुल्लाह, दीपक दत्ता, और MACP संघर्ष मोर्चा के अमरनाथ झा शामिल हुए। यह बैठक झारखंड के शिक्षकों के लिए एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है, जो उनकी सेवाओं की गुणवत्ता और वित्तीय स्थिरता को और मजबूत करेगा।
निष्कर्ष
इस बैठक के निर्णयों से यह स्पष्ट होता है कि झारखंड के शिक्षकों को भी अन्य राज्यकर्मियों की तरह एमएसीपी का लाभ मिलने की संभावना बढ़ गई है। यह कदम न केवल शिक्षकों की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि उनकी सेवा शर्तों में भी महत्वपूर्ण सुधार करेगा। इसके साथ ही, ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव और वेतन विसंगतियों को दूर करने के प्रयासों से शिक्षक समुदाय में संतोष और समर्पण की भावना बढ़ेगी।