राजस्थान सरकार ने अपने राज्य कर्मचारियों के हित में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लिया, जिससे राज्य में पेंशन योजनाओं पर जारी असमंजस की स्थिति के बीच राहत की सांस ली जा सकती है। सरकार ने यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए किया है जो नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के अंतर्गत पहले ही अपनी राशि निकाल चुके थे। अब उन्हें यह राशि फिलहाल जमा नहीं करनी होगी, बल्कि उनकी निकाली गई राशि को उनकी सेवानिवृत्ति के समय समायोजित कर लिया जाएगा।
OPS बहाली की दिशा में सकारात्मक संकेत
इस फैसले के बाद राज्य में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की संभावना और प्रबल हो गई है। राज्य सरकार के इस कदम को एक महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में देखा जा रहा है, जिससे OPS के लागू होने की संभावना बढ़ रही है। यह निर्णय राज्य कर्मचारियों और उनके हितों की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
वित्त विभाग ने जारी किया नया परिपत्र
इस मामले पर राजस्थान सरकार के वित्त विभाग ने शुक्रवार को एक आधिकारिक परिपत्र जारी किया, जिसमें बताया गया कि एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों ने यदि NPS के अंतर्गत राशि निकाली है, तो उन्हें इस राशि को तत्काल वापस जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। बल्कि यह राशि उनकी सेवानिवृत्ति के समय समायोजित की जाएगी। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्होंने अपनी पेंशन निधि से जरूरत के समय धन निकाला था।
इसके साथ ही, परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में यदि एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कोई कर्मचारी NPS के अंतर्गत राशि आहरण के लिए आवेदन करता है, तो उसे राजस्थान सिविल सेवा नियम, 1998 के तहत OPS के लाभ से वंचित किया जाएगा।
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
राजस्थान कर्मचारी महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष, राजेंद्र राना, ने इस निर्णय के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह आदेश कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जो NPS के तहत राशि निकाले जाने के कारण चिंता में थे। राना ने यह भी कहा कि सरकार का यह कदम राज्य में OPS की स्थायी बहाली की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है और इससे कर्मचारियों में भरोसा बढ़ेगा।
पेंशन व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम
राज्य सरकार का यह निर्णय पेंशन व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जहां एक ओर यह राज्य कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर यह पेंशन प्रणाली में अधिक स्थिरता और पारदर्शिता लाने का प्रयास करता है। पेंशन योजनाओं पर चल रहे असमंजस के बीच यह फैसला कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो भविष्य में पेंशन संबंधी विवादों को कम करने में सहायक हो सकता है।