आज के समय हर कोई बुढ़ापे में खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहा है, जिसके लिए वह कई सरकारी पेंशन योजनाओं या निवेश योजनाओं में निवेश करना बेहतर विकल्प मानते हैं। हालांकि हर व्यक्ति आर्थिक रूप से इतना सशक्त नही होता की वह अपने दैनिक खर्चों के साथ-साथ बचत कर सके, जिसके कारण बुढ़ापे तक उनके पास किसी तरह सेविंग्स जमा नही हो पाती।
ऐसे सभी लोगों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए देश के सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रिवर्स मॉर्गेज स्कीम लॉन्च की है। जिसके तहत ग्राहक को बुढ़ापे में पैसे मिल सकेंगे और आमदनी पर उन्हें कोई टैक्स भी नहीं देना होगा। तो चलिए जानते हैं क्या है SBI की रिवर्स मॉर्गेज स्कीम, इसकी विशेषताएं, पात्रता आदि की सम्पूर्ण जानकारी।
SBI रिवर्स मॉर्गेज स्कीम क्या है?
एसबीआई की और से देश के वृद्धजनों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से रिवर्स मॉर्गेज स्कीम की शुरुआत की गई है। इस स्कीम के तहत बैंक ऐसे बुजुर्ग लोगों को उनके दैनिक जीवन में होने वाले खर्चों को पूरा करने के लिए घर बैठे पैसे देगा, जो रिटायरमेंट के लिए पैसे नहीं बचा पाते हैं। यह पैसा बैंक ना तो वापस मांगता है और न ही खर्च के लिए मिले पैसों पर किसी तरह का टैक्स जमा करना पड़ता है।
बता दें SBI की इस स्कीम के तहत बैंक आवासीय संपत्ति के बदले पैसे देता है, रिवर्स मॉर्गेज जिसका मतलब है की आपकी प्रॉपर्टी के बदले बैंक पैसे देगा। इसपर ना ही बैंक द्वारा किसी तरह का ब्याज लिया जाता है और न ही EMI का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं मॉर्गेज की पूरी अवधि के दौरान मकान का मालिकाना हक भी बुजुर्ग व्यक्ति का ही होता है और इस दौरान उन्हें घर से नहीं निकला जा सकता है।
क्या है लोन की खासियत
- योजना के तहत लोन के लिए आवेदन करने वाले आवेदक के नाम पर प्रॉपर्टी होनी जरूरी है और उसपर कोई बकाया अथवा कर्ज नहीं होना चाहिए।
- यह लोन केवल उस प्रॉपर्टी पर दिया जाएगा, जिसपर दंपत्ति कम से कम एक वर्ष से रह रहे हों।
- लोन राशि 3 लाख से लेकर 1 करोड़ रूपये तक हो सकती है, जो प्रॉपर्टी के आधार पर तय की जाती है।
- यदि प्रॉपर्टी पर कोई पहले से लिया गया होम लोन चल रहा है तो आवेदक को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जमा करना जरूरी होगा।
- आवेदक जिस प्रॉपर्टी के बदले बैंक से लोन ले रहे हैं, वह भी 20 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
कैसे काम करता है यह लोन?
एसबीआई की मॉर्गेज लोन स्कीम 60 वर्ष या इससे अधिक आयु के बुजुर्गों को लाभान्वित करती है। इस स्कीम में अधिकतम आयु सीमा तय नहीं है। यह लोन आवेदक की प्रॉपर्टी के बदले दिया जाता है, हालांकि इसका उपयोग चाहे तो हर महीने किसी सैलरी या पेंशन की तरह भी किया जा सकता है।
रिवर्स मॉर्गेज स्कीम की पात्रता
- इस लोन के लिए आवेदक भारतीय नागरिक होने चाहिए।
- एकल उधारकर्ता के लिए न्यूनतम आयु 60 वर्ष और संयुक्त उधारकर्ता के मामले में न्यूनतम आयु 58 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- यह लोन 10 से 15 वर्ष की भुगतान अवधि या उधारकर्ता की आयु पर निर्भर करता है।
- योजना में अधिकतम 2 करोड़ ऋण सीमा एनसीआर, मुंबई, पुणे, चेन्नई, बैंगलुरू और हैदराबाद केंद्र के नगर निगम क्षेत्र में स्थित समाप्ति पर वहीं 1.50 करोड़ ऋण सीमा अन्य सभी केंद्रों के लिए दिया जाता है।