केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने लोक सभा में रेल कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली और रेलवे के निजीकरण पर उठे सवालों का जवाब दिया। यह जवाब प्रश्न संख्या 1478 के तहत दिया गया, जिसे श्री राजा ए और श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने पूछा था।
लोक सभा में सरकार से पूछे गए ये प्रश्न
क्या सरकार रेल ट्रेड यूनियनों द्वारा रेलवे के निजीकरण और अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली के लिए किए जा रहे आंदोलन से अवगत है? क्या सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को नई पेंशन योजना (NPS) से बदल दिया है और यदि हां, तो इसके फायदे और नुकसान क्या हैं?
रेल मंत्री ने दिए ये जवाब
- निजीकरण की अफवाहें: रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह बयान रेल ट्रेड यूनियनों की चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से दिया गया था, जो निजीकरण के संभावित कदमों के खिलाफ आंदोलन कर रही हैं।
- पेंशन योजना का बदलाव: रेल मंत्री ने बताया कि रेल मंत्रालय पुरानी पेंशन योजना (OPS) को नई पेंशन योजना (NPS) से बदलने के मामले में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoP&PW) की नीतियों/दिशा-निर्देशों का पालन करता है। DoP&PW पेंशन मामलों पर भारत सरकार का नोडल मंत्रालय है।
पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) के फायदे और नुकसान
पुरानी पेंशन योजना (OPS):
फायदे:
- स्थिर पेंशन: OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती है, जो उनकी अंतिम तनख्वाह के आधार पर होती है।
- मूल्य वृद्धि से सुरक्षा: OPS में पेंशन राशि महंगाई भत्ते के अनुसार बढ़ती है, जिससे पेंशनभोगियों को महंगाई के प्रभाव से सुरक्षा मिलती है।
नुकसान:
- राजकोषीय बोझ: OPS सरकार पर भारी वित्तीय बोझ डालता है, जिससे सरकार की वित्तीय स्थिति प्रभावित होती है।
- पारदर्शिता की कमी: OPS में निवेश पारदर्शी नहीं होता और इसका नियंत्रण पूरी तरह सरकार के हाथ में होता है।
नई पेंशन योजना (NPS):
फायदे:
- व्यक्तिगत खाते: NPS में प्रत्येक कर्मचारी का एक व्यक्तिगत पेंशन खाता होता है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता का अंशदान होता है।
- निवेश का विकल्प: NPS में पेंशन फंड को विभिन्न निवेश विकल्पों में निवेश किया जाता है, जिससे संभावित उच्च रिटर्न मिल सकता है।
- पारदर्शिता और नियंत्रण: NPS अधिक पारदर्शी है और इसमें पेंशनभोगियों को अपने निवेश का नियंत्रण मिलता है।
नुकसान:
- बाजार जोखिम: NPS के तहत पेंशन राशि बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है, जिससे निवेशकों को नुकसान का जोखिम होता है।
- गैर-स्थिर पेंशन: NPS में पेंशन राशि स्थिर नहीं होती, जिससे भविष्य की पेंशन राशि को पूर्वानुमानित करना मुश्किल होता है।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है और रेल मंत्रालय पुरानी पेंशन योजना को नई पेंशन योजना से बदलने के मामले में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की नीतियों का पालन करता है। रेल कर्मचारियों के पेंशन योजनाओं के फायदे और नुकसान के संदर्भ में यह स्पष्टता महत्वपूर्ण है। सरकार का यह स्पष्टीकरण रेल कर्मचारियों और ट्रेड यूनियनों के बीच उपजे भ्रम को दूर करने के उद्देश्य से किया गया है।
विधायक और मंत्री को nps kyon nahi di ja rahi।
BJP govt opted policy of East India company that how to impose more tax from common people’s making livelihood miserable than never expect OPS from this govt.
Kab tak budapy ka Sahara ko denge jo mahgai ke jamane me pura ho sansad vidhayak ops le rahe hai vaisi karmchari ko de
Agar rajkoshiy bojh ko kam kerna hai to mantri sansad vidhayak ki penshan kyo band nahi kerte?
If the NPS is so better then what os the REASON that the NPS is not implemented to MPs and Arm Forces. It may kindly be clarified.
जहां तक सरकार पर आर्थिक बोझ का प्रश्न है मै समझता हूँ बड़े बड़े उद्योगपति के कर्जे माफ करने एवं भगोड़ो के कारण भी पड़ना चाहिए।
एक देश एक संविधान और एक पेंशन योजना लागू हो अगर नई पेंशन योजना पर ही कायम है तो सबके लिए नई पेंशन योजना अन्यथा सब के लिए पूरानी पेंशन योजना सबको एक समान एक बराबर दे दिया जाए
NPS is not safe for Railway Employee. Because there is not guaranteed pension in this system. So please replaced it. we have no problem if it is named NPS, but in NPS we demand 50% salary+DA.