खुशखबरी, गलत फिक्सेशन के कारण जारी पेंशन का भुगतान, बाद में रिकवरी नहीं किया जा सकता, कोर्ट का बड़ा फैसला

पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि गलत फिक्सेशन के कारण जारी पेंशन की राशि बाद में वापस नहीं ली जा सकती। इस फैसले से पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी।

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Written by Rohit Kumar

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आप सभी को यह बता दे की कई बार गलत फिक्सेशन एवं कई अन्य कारणों न की वजह से कुछ पेंशनभोगियों को गलती से अधिक भुगतान कर दिया जाता है। उसके बाद सरकार उस अधिक धन की वसूली भी करती है। लेकिन आप यह जान लीजिए की अब इस मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के द्वारा फैसला लिया गया है।

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हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है की एक बार पेंशन निर्धारित और जारी हों जाने के पश्चात उस राशि को गलत बताकर उस पैसे की वापस वसूली करना सही नहीं है। इस फैसले की वजह से बहुत से पेंशनधारकों को बड़ी राहत की सांस मिली होगी। इस फैसले के बाद वह अपनी पेंशन को सुरक्षित महसूस करेंगे। आप सभी यह भी जान लीजिए की पंजाब हाईकोर्ट ने यह फैसला लुधियाना निवासी खुशिराम के द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। 

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खुशखबरी, गलत फिक्सेशन के कारण जारी पेंशन का भुगतान, बाद में रिकवरी नही किया जा सकता, कोर्ट का बड़ा फैसला

रिकवरी को लेकर याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दी दलील

लुधियाना निवासी खुशिराम याचिका में यह बताया है की वह जुलाई 1989 में केंद्र सरकार सत्र की नौकरी से रिटायर हुए थे। उसके बाद सितंबर 2023 में खुशीराम को विभाग की गलती के कारण अधिक पेंशन प्राप्त होने का संदेश प्राप्त हुआ। इसके साथ-साथ खुशीराम ने कोर्ट ने यह भी बताया है की पेंशन के निर्धारण में उसकी कोई भी भूमिका नहीं है, इसलिए विभाग के द्वारा उसको पैसे की वसूली का नोटिस कैसे भेजा जा सकता है। अदालत को यह बताते हुए उन्होंने तर्क दिया कि यह गलती विभाग की थी और वह किसी भी गलतफहमी या गलत निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं हो सकता।

केंद्र ने रिकवरी के दिये नोटिस

केंद्र सरकार के द्वारा बिना किसी जांच पडताल के खुशीराम को वसूली का नोटिस भेज दिया। सरकार ने RBI के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए खुशीराम को बताया कि उससे लगभग 3 लाख रुपये की वसूली की जाएगी।

खुशिराम ने कोर्ट में लगाई याचिका

खुशिराम ने रिकवरी नोटिस का विरोध करते हुए एक आवेदन प्रस्तुत किया, जिसको केंद्र सरकार के द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद खुशीराम ने इस आदेश के खिलाफ पंजाब हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिसमें उन्होंने वसूली के आदेश को रद्द करने की मांग की।

कोर्ट ने दिया फैसला

कोर्ट ने याची खुशिराम की किसी गलती के बिना केंद्र सरकार द्वारा उसे दंडित किए जाने पर सवाल उठाया। बहुत से अधिकारियों के द्वारा उनकी गलती को छुपाने के लिए खुशीराम की पेंशन में से करीब 3 लाख रुपए की वसूली की गई थी। इसके बाद पंजाब हाईकोर्ट के द्वारा सरकार को वसूली के निर्देश को रद्द करने का फैसला सुनाया और इसके साथ ही वसूल की गई राशि को वापिस करने का फैसला सुनाया गया।

पंजाब हाईकोर्ट के द्वारा यह स्पष्ट किया गया की गलत फिक्सेशन के कारण से अधिक भुगतान किए जाने पर पेंशनधारक से वसूली नहीं की जा सकती है। अगर उसमें पेंशन धारक की कोई भी गलती नहीं है। तो उससे वसूली नहीं की जानी चाहिए।

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