
पुलिसकर्मी देश की सुरक्षा, कानून व्यवस्था और नागरिकों की सेवा के लिए दिन-रात तत्पर रहते हैं। उनकी कठिन ड्यूटी और लगातार तनावपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए सरकार उन्हें विभिन्न प्रकार के भत्ते प्रदान करती है। इन भत्तों में यूनिफॉर्म-Allowance, किट-Allowance, रिस्क-Allowance जैसे महत्वपूर्ण लाभ शामिल होते हैं, जो न केवल उनके कार्य को सम्मानित करते हैं, बल्कि उनके जीवनस्तर को बेहतर बनाने में भी सहायक होते हैं।
यूनिफॉर्म भत्ता – Uniform Allowance
यूनिफॉर्म भत्ता वह राशि होती है जो पुलिसकर्मियों को वर्दी और उससे जुड़े सामान जैसे बेल्ट, जूते, टोपी आदि की खरीद और देखभाल के लिए दी जाती है। यह भत्ता हर वर्ष एकमुश्त दिया जाता है, जिसमें वर्दी की सफाई का खर्च भी शामिल होता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पुलिसकर्मी हमेशा पेशेवर और अनुशासित रूप में प्रस्तुत हों।
इसकी राशि अलग-अलग पदों के अनुसार निर्धारित की गई है। उदाहरण के लिए, IPS अधिकारी, CAPF, CPO और कोस्ट गार्ड अधिकारियों को ₹20,000 प्रतिवर्ष, केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकर्मियों को ₹10,000 और स्टाफ कार ड्राइवर, MTS तथा कैंटीन स्टाफ को ₹5,000 का यूनिफॉर्म भत्ता प्रदान किया जाता है। यह न केवल वर्दी की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि पुलिसकर्मियों को आर्थिक रूप से भी राहत देता है।
किट भत्ता – Kit Allowance
किट भत्ता उन आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति के लिए होता है जो वर्दी के अतिरिक्त कार्य में उपयोग होती हैं, जैसे बैटन, हेलमेट, जैकेट आदि। यह भत्ता आमतौर पर भर्ती के समय या जब पुलिस बल को नई तकनीकी या सुरक्षात्मक किट प्रदान की जाती है, तब दिया जाता है।
अलग-अलग राज्य या पुलिस विभाग इस भत्ते की राशि अपने-अपने नियमों के अनुसार निर्धारित करते हैं। कुछ मामलों में यह राशि यूनिफॉर्म भत्ते के साथ ही समाहित कर दी जाती है, परंतु इसका मूल उद्देश्य पुलिसकर्मियों को उनके दायित्वों के निर्वहन हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना होता है।
रिस्क भत्ता – Risk Allowance
पुलिस सेवा में जोखिम एक सामान्य पहलू है, विशेषकर उन पुलिसकर्मियों के लिए जो आतंक प्रभावित क्षेत्रों, नक्सल इलाकों या दंगों जैसी संवेदनशील परिस्थितियों में कार्यरत रहते हैं। ऐसे कर्मियों के लिए सरकार “Risk & Hardship Matrix” के अंतर्गत विशेष जोखिम भत्ता प्रदान करती है।
उच्च जोखिम वाली पोस्टिंग जैसे नक्सल क्षेत्र या आतंक प्रभावित इलाकों में तैनात पुलिसकर्मी ₹16,900 तक मासिक भत्ता प्राप्त करते हैं, जबकि सामान्य जोखिम जैसे दंगों या भीड़ नियंत्रण में तैनाती के लिए ₹9,700 तक का भत्ता मिलता है। यह न केवल उनके साहस की सराहना है, बल्कि मानसिक और आर्थिक संबल देने का भी एक सशक्त माध्यम है।
अन्य महत्वपूर्ण भत्ते – Additional Allowances
इन मुख्य भत्तों के अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को कई अन्य लाभ भी प्रदान किए जाते हैं, जो उनके जीवन की गुणवत्ता और कार्य संतुलन को बनाए रखने में सहायक होते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- महंगाई भत्ता (DA) – यह हर छह महीने में रिवाइज होता है और मुद्रास्फीति के आधार पर तय किया जाता है, जिससे जीवन यापन की बढ़ती लागत से राहत मिलती है।
- मकान किराया भत्ता (HRA) – पोस्टिंग स्थान के अनुसार 8% से 24% तक का भत्ता मिलता है, जिससे वे बेहतर आवास सुविधा प्राप्त कर सकें।
- यात्रा भत्ता (TA) – सरकारी ड्यूटी के दौरान यात्रा व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु दिया जाता है।
- चिकित्सा भत्ता – पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रदान किया जाता है।
- रात्रि ड्यूटी भत्ता – रात की पाली में ड्यूटी करने पर अतिरिक्त मेहनताना दिया जाता है।
- Leave Encashment – सेवा के दौरान अवकाश न लेने पर या सेवानिवृत्ति के समय छुट्टियों का नकद भुगतान किया जाता है।