
आज के समय में नौकरी करने वाले लगभग हर व्यक्ति के लिए EPF (Employees’ Provident Fund) एक अनिवार्य बचत योजना है। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि मेरी सैलरी से कितना PF कटेगा? खासकर अगर बेसिक सैलरी ₹15,000 हो तो EPF Deduction कितना होगा। इस आर्टिकल में हम आपको PF कटौती का सही फॉर्मूला, गणना और सभी ज़रूरी नियम विस्तार से समझाएंगे।
EPF क्या है और क्यों ज़रूरी है?
EPF यानी Employees’ Provident Fund एक दीर्घकालिक बचत योजना है जिसे भारत सरकार के EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हर महीने वेतन का एक निश्चित प्रतिशत योगदान करते हैं। यह योगदान आपके रिटायरमेंट, पेंशन और आपातकालीन जरूरतों के लिए एक सुरक्षित फंड बनाता है।
किन हिस्सों पर कटता है PF?
PF कटौती सिर्फ आपकी पूरी सैलरी पर नहीं होती, बल्कि यह केवल Basic Salary + Dearness Allowance (DA) पर आधारित होती है। अन्य भत्ते जैसे HRA (House Rent Allowance), स्पेशल एलाउंस आदि को इसमें शामिल नहीं किया जाता।
EPF Contribution की दरें
- कर्मचारी का योगदान (Employee Contribution)
- बेसिक + DA का 12%
- यह राशि सीधे आपके EPF अकाउंट में जमा होती है।
- नियोक्ता का योगदान (Employer Contribution)
- बेसिक + DA का 12%
- लेकिन पूरा 12% EPF में नहीं जाता, इसे दो हिस्सों में बांटा जाता है:
- 8.33% EPS (Employees’ Pension Scheme)
- 3.67% EPF
- Wage Ceiling
- EPS योगदान की अधिकतम सीमा ₹15,000 बेसिक वेतन तक ही है।
- यानी, अगर किसी की बेसिक ₹20,000 भी है, तो भी EPS में योगदान केवल ₹15,000 तक ही माना जाएगा।
₹15,000 सैलरी पर PF Deduction की गणना
मान लीजिए कि आपकी Basic Salary + DA = ₹15,000 है।
घटक | प्रतिशत | राशि (₹) |
---|---|---|
Employee Contribution (EPF) | 12% | 1,800 |
Employer Contribution (कुल) | 12% | 1,800 |
└─ EPF हिस्सा (3.67%) | 550.50 | |
└─ EPS हिस्सा (8.33%) | 1,249.50 |
कुल EPF फंड में जमा राशि (प्रति माह) = 1,800 (आपका) + 1,800 (नियोक्ता का) = ₹3,600
आपके हाथ में कितना वेतन बचेगा?
अगर बेसिक + DA ₹15,000 है और अन्य कोई कटौती (जैसे आयकर आदि) नहीं है, तो:
- Gross Basic Salary = ₹15,000
- PF Deduction (आपका हिस्सा) = ₹1,800
- Net Take Home (बाकी वेतन) = ₹13,200
ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें
अगर आपकी बेसिक सैलरी ₹15,000 से अधिक है तो EPS योगदान की सीमा फिर भी ₹15,000 पर ही तय होगी। लेकिन EPF और कर्मचारी का 12% हिस्सा वास्तविक बेसिक पर काटा जा सकता है। कुछ कंपनियों या सेक्टर में विशेष परिस्थितियों में EPF की दर 10% भी लागू होती है, न कि 12%।
नियोक्ता के योगदान के अलावा, कंपनी को Administrative Charges और EDLI (Employee Deposit Linked Insurance) भी देना होता है, लेकिन ये कर्मचारी की सैलरी से नहीं कटते।