
Financial Bill 2025 के तहत प्रस्तावित नए पेंशन नियमों को लेकर पूरे देश में पेंशनर्स के बीच असंतोष की लहर दौड़ गई है। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों ने कलक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन कर सरकार के इस कदम का विरोध किया। उनका कहना है कि इन बदलावों से न केवल पेंशन की समानता पर असर पड़ेगा, बल्कि यह उनके अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
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क्या है प्रस्तावित बदलाव और क्यों हो रहा है विरोध
Financial Bill 2025 के अंतर्गत Central Civil Services (Pension) Rules में संशोधन प्रस्तावित किया गया है। इन संशोधनों के तहत पेंशनर्स को उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है, जिससे एक ही पद से रिटायर हुए कर्मचारियों को अलग-अलग पेंशन लाभ मिलेंगे। यह बदलाव सीधे तौर पर 7वें वेतन आयोग की पेंशन समानता की अवधारणा का विरोध करता है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की भी पुष्टि मिल चुकी है।
यूनियनों और पेंशनर्स की मिलीजुली आवाज़
National Council (Staff Side) Joint Consultative Machinery-NC JCM समेत कई पेंशनर्स यूनियन इस प्रस्ताव का तीखा विरोध कर रही हैं। उनका मानना है कि सरकार की यह योजना पेंशनर्स के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों पर हमला है। यूनियनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने संशोधन वापस नहीं लिए, तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। उनके अनुसार, यह नीति संवैधानिक समानता और पूर्ववर्ती न्यायिक आदेशों का उल्लंघन करती है।
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सरकार का पक्ष और स्पष्टीकरण
सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण दिया गया है कि प्रस्तावित संशोधन केवल नियमों में तकनीकी स्पष्टता के लिए हैं और इसका मौजूदा पेंशनर्स के लाभों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन पेंशनर्स और विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ शुरुआत है, और यदि यह बिल पारित होता है, तो भविष्य में नए पेंशनर्स के लिए असमानता की नींव रखी जा सकती है, जिससे सामाजिक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है।
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