वर्तमान समय में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली का मुद्दा केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच अत्यधिक चर्चा का विषय बना हुआ है। केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेंशन सुधारों के रूप में ‘नेशनल पेंशन सिस्टम’ (NPS) में संशोधन की घोषणा की थी, लेकिन पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, जिससे सरकारी कर्मचारियों के बीच निराशा फैल गई।
प्रधानमंत्री की बैठक
24 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (JCM) के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे। यह बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दशक में यह पहली बार हो रहा है कि प्रधानमंत्री कर्मचारी संगठनों के नेताओं से बातचीत करेंगे। इस बातचीत से कर्मचारियों की उम्मीदें जुड़ी हैं कि शायद OPS पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग
केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि पेंशन किसी भी कर्मचारी का मौलिक अधिकार है, न कि कोई उपहार या अनुग्रह राशि। इसके बावजूद, सरकार ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। एनपीएस में जो संशोधन प्रस्तावित है, उससे भी कर्मचारियों को संतोष नहीं हुआ है।
NPS कर्मचारियों की असंतोष की जड़
बता दें, NPS के तहत सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को उनके सेवा काल की संचित बचत का 40 प्रतिशत हिस्सा PFRDA के पास रखना पड़ता है, जिससे उन्हें मामूली पेंशन मिलती है। खासकर ग्रुप-सी के कर्मचारियों को, जिनकी संख्या अधिक है, इस योजना के तहत 2000 से 4000 रुपये तक की पेंशन मिल रही है। यह न केवल उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए अपर्याप्त है, बल्कि उनके जीवन स्तर पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
कर्मचारी संगठनों की रणनीति
केंद्र सरकार के 15 लाख से अधिक कर्मचारी NPS के अंतर्गत आते हैं और पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए संघर्षरत हैं। ‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार जल्द ही OPS पर कोई निर्णय नहीं लेती है, तो देशभर में कर्मचारी आंदोलन और तीव्र हो सकता है। उन्होंने संसद घेराव की भी चेतावनी दी है।
सरकार की चुनौतियां
पूर्व वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना है कि OPS की बहाली संभव नहीं है, क्योंकि इसके वित्तीय और तकनीकी पहलू जटिल हैं। हालांकि, कर्मचारी संगठनों का मानना है कि सरकार चाहें तो NPS को पुरानी पेंशन योजना में परिवर्तित कर सकती है, जिससे कर्मचारियों की मांगों को पूरा किया जा सके।
निष्कर्ष
कर्मचारियों और सरकार के बीच पुरानी पेंशन योजना को लेकर खींचतान जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मचारियों के साथ होने वाली बैठक से उम्मीदें बंधी हैं कि इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है। OPS की बहाली के संघर्ष में सरकारी कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए लगातार आवाज उठाते रहेंगे।