उत्तर प्रदेश के योगी सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर चल रही लंबी मांग के बीच, राज्य के 60,000 शिक्षकों और कर्मचारियों को नई या पुरानी पेंशन में से चयन करने का विकल्प दिया गया है। जिसे लेकर हाल ही में वित्त विभाग द्वारा अधिकारिक तौर पर आदेश जारी किया गया है। इस विकल्प को चुनने के बाद, शिक्षकों और कर्मचारियों के द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम माना जाएगा, और उसमें कोई परिवर्तन संभव नहीं होगा।
पुरानी पेंशन रहा एक चुनावी मुद्दा
पिछले कुछ वर्षों में, पुरानी पेंशन की मांग उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश की सियासत में एक प्रमुख चुनावी मुद्दा रही है। कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने अपने घोषणापत्रों में इसे शामिल किया है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी इसे लागू करने की पहल की गई। 2022 के विधानसभा चुनावों और आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी यह एक प्रमुख विषय बना हुआ है।
नई पेंशन योजना का प्रभाव और पुरानी पेंशन बहाली
2005 में नई पेंशन योजना की अधिसूचना के बाद, जिन शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति का विज्ञापन अधिसूचना से पहले निकला था, उन्होंने पुरानी पेंशन योजना के तहत शामिल होने की मांग की थी। यह मुद्दा सड़कों से लेकर अदालतों तक पहुँचा। हाल ही में, केंद्र सरकार ने इस तरह के मामलों में पुरानी पेंशन देने का आदेश दिया। योगी सरकार ने भी हाल की कैबिनेट बैठक में इस पर सहमति व्यक्त की और आदेश जारी किया।
60,000 शिक्षकों को मिलेगा फायदा
इस आदेश के साथ, उन 60,000 शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन का रास्ता खुल गया है, जो काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे। यह कदम न केवल उनके लिए लाभकारी होगा बल्कि इससे उनकी वित्तीय सुरक्षा में भी वृद्धि होगी। इस विकल्प के तहत उन्हें पुरानी पेंशन के सभी लाभ मिलेंगे, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की जीवनशैली में स्थिरता आएगी।