भारत सरकार और पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने मिलकर NPS वात्सल्य योजना की नींव रखी है, जो नाबालिगों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक पहल है। इस योजना के अंतर्गत, माता-पिता और अभिभावक अपने बच्चों के नाम पर निवेश खाते खोल सकेंगे, जो बच्चों की आर्थिक सुरक्षा और संपत्ति निर्माण में एक दीर्घकालिक योगदान देगा।
क्या है NPS वात्सल्य?
NPS वात्सल्य, जिसका आधिकारिक लॉन्च वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किया जाना है, एक नवाचारी पहल है जो बच्चों के लिए वित्तीय साधन उपलब्ध कराती है। यह योजना विशेषकर उन परिवारों के लिए डिजाइन की गई है जो कम उम्र से ही अपने बच्चों की आर्थिक सुरक्षा और संपत्ति निर्माण में निवेश करना चाहते हैं।
निवेश की विशेषताएँ
योजना के अंतर्गत, निवेशक विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्पों में योगदान दे सकते हैं, जिसमें इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियां, और कॉर्पोरेट बॉन्ड शामिल हैं। यह निवेश लचीलापन प्रदान करते हुए, बच्चों की वित्तीय जरूरतों के अनुसार धन का संचय करने में मदद करता है।
बच्चे के 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर, निवेश खाता स्वतः ही एक नियमित NPS खाते में परिवर्तित हो जाता है, जिससे वह अपने फंड का प्रबंधन स्वतंत्र रूप से कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, योजना चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठाते हुए दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण की क्षमता प्रदान करती है।
आंशिक निकासी और वित्तीय साक्षरता
NPS वात्सल्य योजना में तीन साल के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है, जिससे परिवार शिक्षा या चिकित्सा उपचार जैसे आवश्यक खर्चों के लिए फंड उपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार की सुविधा न केवल वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देती है बल्कि बच्चों को वित्तीय योजना और प्रबंधन की आदतों से परिचित कराने में मदद करती है।
निष्कर्ष
NPS वात्सल्य योजना नाबालिगों के लिए एक क्रांतिकारी वित्तीय उपकरण सिद्ध हो सकती है, जो उन्हें जीवन की विभिन्न चुनौतियों के लिए तैयार करती है। इस योजना के लॉन्च से भारतीय परिवारों को अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध वित्तीय भविष्य का निर्माण करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।