नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) भारत सरकार द्वारा संचालित एक अग्रणी रिटायरमेंट सेविंग फ्रेमवर्क है, जिसे मूल रूप से भारतीय सरकारी कर्मचारियों के लिए डिज़ाइन किया गया था। वर्षों के विकास के बाद, यह स्कीम अब सभी भारतीय नागरिकों और अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए भी खुली है, जो इसे एक व्यापक और समावेशी योजना बनाती है।
NRI के लिए NP के मुख्य नियम
NRI जो भारत में अपने रिटायरमेंट फंड का प्रबंधन करना चाहते हैं, उनके लिए NPS एक आकर्षक विकल्प है। नियमों के अनुसार, एनआरआई भी अन्य भारतीय नागरिकों की तरह NPS का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, NRI केवल टियर-1 अकाउंट खोल सकते हैं; टियर-2 अकाउंट में योगदान की अनुमति नहीं है। इसके अलावा, NRI को भी मौजूदा केवाईसी मानदंडों का पालन करना होगा।
NPS में निवेश की प्रक्रिया
NPS में निवेश करने के लिए एनआरआई को सबसे पहले eNPS की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर ‘Register for NPS’ के विकल्प पर जाकर NRI विकल्प को चुनने के बाद, निवेशकों को अपनी जन्म तिथि, पैन नंबर, मोबाइल नंबर, और ईमेल आईडी जैसी जानकारी प्रदान करनी होगी। इसके बाद दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए वे अपना रजिस्ट्रेशन पूरा कर सकते हैं।
अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए 90 दिनों के भीतर PRAN (Permanent Retirement Account Number) की पुष्टि करनी होती है, जो कि एक ईमेल के माध्यम से की जा सकती है।
NRI के लिए दस्तावेज और आवश्यकताएं
NRI को NPS अकाउंट खोलते समय अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, कैंसिल चेक और पासपोर्ट की फोटोकॉपी प्रदान करनी होती है। अकाउंट खोलने के लिए न्यूनतम ₹500 का भुगतान करना होता है।
NPS अकाउंट के प्रकार
NPS में मुख्य रूप से दो प्रकार के अकाउंट होते हैं: टियर-1 और टियर-2। जबकि टियर-1 अकाउंट कोई भी खोल सकता है, टियर-2 अकाउंट तभी खोला जा सकता है जब आपके पास टियर-1 अकाउंट हो। टियर-2 अकाउंट में NRI को योगदान करने की अनुमति नहीं है।
निवेश और निकासी के नियम
एनपीएस में निवेश की गई राशि का 60% व्यक्ति के 60 वर्ष की उम्र होने पर निकाला जा सकता है, और कम से कम 40% राशि का उपयोग एन्युटी के रूप में करना होता है जिससे निवेशक को पेंशन प्राप्त होती है।
NPS इस प्रकार NRI के लिए भी एक सुविचारित और सुरक्षित निवेश विकल्प प्रदान करता है, जो उन्हें भविष्य में आर्थिक सुरक्षा और स्थायित्व की गारंटी देता है।