UPS: अब NPS या OPS पर नही UPS पर की जाएगी बात, सुलझेगा सबसे बड़ा मुद्दा, जाने क्या कर्मचारी यूनियनों की मांगे होगी पूरी?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपीएस पेंशन योजना की घोषणा की, जो एनपीएस और ओपीएस की जगह लेगी। उन्होंने विश्वकर्मा योजना की भी चर्चा की और मुफ्त योजनाओं के खिलाफ अपनी आपत्ति जताई।

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Written by Rohit Kumar

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NPS-OPS नही, UPS पर की जाएगी बात, जाने कर्मचारी यूनियनों की मांगे होगी पूरी?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक कार्यक्रम में भारतीय कर्मचारियों के पेंशन योजना संबंधी बदलावों की दिशा में एक नयी योजना ‘यूनिवर्सल पेंशन स्कीम’ (UPS) का खुलासा किया। यूपीएस का उद्देश्य नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की जगह लेना है, जिसे कर्मचारी संगठनों ने सराहा है।

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UPS एक नयी दिशा

वित्त मंत्री ने बताया, “UPS पेंशन योजना एक नया विकल्प है जिसे हमने विकसित किया है ताकि सभी वर्गों के कर्मचारियों को बेहतर सेवा मिल सके।” इस योजना के तहत सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा की गारंटी प्रदान की जाएगी, जो उनके सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन को सुरक्षित बनाएगी।

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विश्वकर्मा योजना के तहत मिलेगा लाभ

बजट 2024 के दौरान घोषित ‘विश्वकर्मा योजना’ के बारे में भी वित्त मंत्री ने विस्तार से बात की। इस योजना के अंतर्गत, गांव के दस्तकारों को उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें आवश्यक उपकरणों की किट प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ दस्तकारों को प्रशिक्षित करना है।

OPS और मुफ्त योजनाओं पर प्रतिक्रिया

बता दें, सीतारमण ने पुरानी पेंशन योजनाओं के पुनर्लागू किये जाने और मुफ्त योजनाओं के वित्तीय प्रभाव पर भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा, “कुछ राज्य सरकारें, जैसे कि हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक, ने पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू किया है, जबकि उनकी वित्तीय स्थिति पहले से ही तंग है।” उन्होंने मुफ्त योजनाओं को अस्थायी समाधान बताते हुए सुझाव दिया कि ऐसी योजनाओं को बंद कर देना चाहिए क्योंकि ये दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता के लिए हानिकारक हैं।

निष्कर्ष

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हालिया बयानों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार वित्तीय स्थिरता को प्राथमिकता दे रही है और नवीन योजनाओं के माध्यम से भारतीय कर्मचारियों एवं दस्तकारों के विकास के लिए प्रयासरत है।

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