भारत सरकार ने पेंशनभोगियों की शिकायतों और पेंशन मामलों के निपटारे में देरी को दूर करने के लिए ‘भविष्य’ नामक एक अद्वितीय अभिनव केंद्रीकृत पेंशन प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर पेश किया है। यह सॉफ्टवेयर न केवल प्रक्रियाओं को स्वचालित करता है बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही को भी सुनिश्चित करता है।
क्या है ‘भविष्य’ सॉफ्टवेयर?
‘भविष्य’ एक यूनिक इनोवेटिव सेंट्रलाइज्ड पेंशन प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर है, जिसे केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों में पेंशन मामलों के निपटारे में पारदर्शिता लाने और वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए अनिवार्य किया गया है। यह सॉफ्टवेयर 2017 से लागू है और अब तक 99 मंत्रालयों और 8320 डीडीओ को इसके अंतर्गत शामिल किया गया है।
‘भविष्य’ की प्रमुख विशेषताएँ
- स्व-पंजीकरण: यह सॉफ्टवेयर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के डेटा को स्वत: भरता है और उन्हें पेंशन फॉर्म भरने की सुविधा देता है। इससे पेंशन प्रोसेसिंग में तेजी आती है और त्रुटियों की संभावना कम होती है।
- कठोर समयसीमा: पेंशन प्रोसेसिंग के हर चरण के लिए सॉफ्टवेयर ने सख्त समयसीमाएं तय की हैं, जिससे देरी से निपटने में मदद मिलती है।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: ‘भविष्य’ ने पेंशन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता लाई है, जिससे देरी के बिंदुओं की पहचान करना और जिम्मेदारी तय करना आसान हो गया है।
- ई-पीपीओ और डिजिलॉकर: सॉफ्टवेयर ई-पीपीओ जारी करता है और इसे डिजिलॉकर में स्टोर करता है, जिससे पेंशनभोगी अपनी पेंशन डिटेल्स को कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं।
- बैंकों के साथ एकीकरण: बैंकों के पेंशन पोर्टलों के साथ एकीकरण से पेंशनभोगियों को फॉर्म-16, पेंशन पर्ची और जीवन प्रमाणपत्र जैसी सुविधाएँ प्राप्त होती हैं।
‘भविष्य’ के लाभ
इस सॉफ्टवेयर के कारण 83% पेंशन प्रोसेसिंग से जुड़े कार्य या तो सेवानिवृत्ति से पहले या 30 दिनों के भीतर पूरे किए जा रहे हैं। इससे न केवल समय की बचत हो रही है बल्कि पेंशनभोगियों को समय पर उनकी पेंशन मिल रही है, जिससे उनका जीवन सरल हो गया है।
निष्कर्ष
‘भविष्य’ सॉफ्टवेयर ने पेंशन प्रक्रिया को कागज रहित, पारदर्शी और समयबद्ध बना दिया है। यह सरकार की एक प्रमुख पहल है, जो पेंशनभोगियों के हितों की सुरक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है।