
ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की जिम्मेदारी से अब कुछ वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को स्थायी राहत मिलने जा रही है। 2025 के नए आयकर नियमों के अनुसार यदि कोई सीनियर सिटिज़न कुछ विशेष शर्तों को पूरा करता है, तो उसे अब सालाना ITR फाइल नहीं करना पड़ेगा। इस फैसले से उन बुजुर्गों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा, जिनकी आय सीमित होती है और जो डिजिटल टैक्स फाइलिंग प्रक्रियाओं से सहज नहीं होते।
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75 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को मिलेगी ITR से छूट
धारा 194P के तहत आयकर अधिनियम में जो संशोधन किया गया है, वह स्पष्ट करता है कि जिन वरिष्ठ नागरिकों की आय केवल पेंशन और उस बैंक से मिलने वाले ब्याज तक सीमित है जिसमें उनकी पेंशन आती है, उन्हें अब ITR दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, इसके लिए यह अनिवार्य है कि व्यक्ति की उम्र 75 वर्ष या उससे अधिक हो और संबंधित बैंक केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित हो। इसके अतिरिक्त, उन्हें बैंक को एक पूर्व निर्धारित घोषणा पत्र (Declaration Form) भी प्रस्तुत करना होगा।
बैंक ही करेंगे टैक्स की गणना और कटौती
इस नई व्यवस्था के तहत अब बैंक ही सीनियर सिटिज़न की कुल आय, छूट और कटौतियों का मूल्यांकन करेंगे और उसी अनुसार TDS यानी टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स काटेंगे। यह पूरी प्रक्रिया घोषणा पत्र के आधार पर होगी, जिसमें बुजुर्ग अपनी इनकम और कटौती का विवरण देंगे। इसके बाद वे निश्चिंत हो सकते हैं कि उनका टैक्स पहले ही चुका दिया गया है और उन्हें ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है।
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2025 में बढ़ाई गई टैक्स छूट सीमा और TDS राहत
2025 से लागू नए टैक्स नियमों के तहत सीनियर सिटिज़न को अतिरिक्त राहत भी दी गई है। नई टैक्स व्यवस्था (New Regime) में वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेसिक छूट सीमा ₹4 लाख तक कर दी गई है, जो पहले ₹3 लाख थी। इसके अलावा, ब्याज आय पर TDS की सीमा भी ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है, जिससे बैंक डिपॉजिट पर ब्याज पाने वाले बुजुर्गों को और अधिक छूट मिल सकेगी।
किन परिस्थितियों में ITR फाइल करना अब भी होगा जरूरी
यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि यह छूट केवल उन्हीं वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी जिनकी आय केवल पेंशन और उसी बैंक से मिलने वाले ब्याज तक सीमित हो। यदि उनकी आय में किराया, म्युचुअल फंड्स, आईपीओ-IPO से कैपिटल गेन, व्यापारिक आय या किसी अन्य स्रोत से कोई अतिरिक्त आय जुड़ती है, तो उन्हें ITR फाइल करना अनिवार्य रहेगा। इसलिए, सभी शर्तों की पुष्टि करना आवश्यक है ताकि छूट का सही लाभ उठाया जा सके।
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