केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के अंतर्गत आने वाले 48 लाख लाभार्थियों के लिए कई महत्वपूर्ण और सुविधाजनक बदलाव किए हैं। इन बदलावों से पेंशनभोगी, सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनके परिवारों को अस्पताल में भर्ती और उपचार में आसानी होगी। तो आइए, जानते हैं इन नए नियमों की विस्तृत जानकारी।
अनुमति पत्र की अनिवार्यता समाप्त
बता दें, CGHS लाभार्थियों को अब अस्पताल में भर्ती होने के लिए पूर्व अनुमति पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। इस कदम से भर्ती की प्रक्रिया सरल होगी और इलाज में किसी भी तरह की देरी से बचा जा सकेगा।
रेफरल मेमो की अनिवार्यता खत्म
रेफरल मेमो पर स्टाम्प की पूर्व अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है, जिससे औपचारिकताओं में कमी आएगी और लाभार्थियों का समय बचेगा।
CGHS कार्ड की फोटोकॉपी अनिवार्यता समाप्त
अब अस्पतालों और डायग्नोस्टिक केंद्रों में CGHS कार्ड की फोटोकॉपी की आवश्यकता नहीं होगी। लाभार्थी CGHS ऐप या डिजिलॉकर का उपयोग करके अपने कार्ड को सत्यापित कर सकेंगे, जिससे दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया में सुविधा होगी।
कैशलेस उपचार की सुविधा अनिवार्य
CGHS के तहत सभी पेंशनभोगी, संसद के सदस्य, स्वतंत्रता सेनानी, और मंत्रालय के कर्मचारी अब कैशलेस उपचार की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इससे उन्हें अस्पताल में प्रवेश के समय किसी भी प्रकार का अग्रिम भुगतान करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
CGHS सेवाएं अब 80 शहरों में उपलब्ध हैं। नए दिशा-निर्देशों के तहत, सभी पैनल में शामिल अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करनी होंगी।
वरिष्ठ नागरिक ले सकेंगे परामर्श
वरिष्ठ नागरिक बिना रेफरल के पैनल के अस्पतालों में विशेषज्ञों से परामर्श ले सकेंगे। सेवानिवृत्त एयर इंडिया कर्मचारी जिनके पास वैध CGHS कार्ड हैं, वे भी कैशलेस उपचार के पात्र होंगे।
निष्कर्ष
ये बदलाव CGHS लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाने का प्रयास हैं। इससे उनके जीवन में सरलता और सुरक्षा आएगी, और साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।