भारत सरकार ने 2004 में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को बंद करके नई पेंशन स्कीम (NPS) शुरू की, जिसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को अपनी बेसिक सैलरी का 10 प्रतिशत योगदान करना होता है। यह योजना व्यक्तियों को उनके निवेश पर आधारित रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद करती है। NPS में निवेश करने वाले व्यक्ति को रिटायरमेंट के समय एक बड़ी राशि के रूप में लाभ मिलता है, जिससे उन्हें हर महीने पेंशन प्राप्त होती है।
कैसे मिलेगी 1 लाख रुपए प्रतिमाह पेंशन
यदि कोई व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद मासिक ₹1,00,000 की पेंशन चाहता है, तो उसे अपने करियर के दौरान काफी राशि NPS में निवेश करनी होगी। निवेश की यह राशि व्यक्ति की उम्र, निवेश की अवधि, और अपेक्षित रिटर्न दर पर निर्भर करेगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई 35 वर्ष की उम्र में NPS में निवेश शुरू करता है और 60 वर्ष की आयु में रिटायर होता है, तो उसे प्रति महीने लगभग ₹17,000 से ₹34,000 के बीच निवेश करना होगा, जिस पर 6% एन्यूटी पर उसे ₹1,00,000 तक की मासिक पेंशन मिल सकती है।
NPS में कौन कर सकते हैं निवेश?
अंत में, NPS एक फ्लेक्सिबल स्कीम है जो 18 से 70 वर्ष के बीच के भारतीयों को रिटायरमेंट की तैयारी के लिए निवेश का अवसर प्रदान करती है। यह योजना व्यक्तियों को उनकी बचत और निवेश पर आधारित एक सुरक्षित और स्थिर रिटायरमेंट इनकम सुनिश्चित करती है, जिससे उनका बुढ़ापा आर्थिक रूप से सुरक्षित हो सकता है।
टैक्स छूट का मिलेगा लाभ
NPS में निवेश से संबंधित टैक्स लाभ भी महत्वपूर्ण हैं। निवेशकों को आयकर में छूट का लाभ मिलता है, जिससे उनकी कर योग्य आय कम हो जाती है और टैक्स की बचत होती है। NPS में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है और अतिरिक्त ₹50,000 की छूट सेक्शन 80CCD के तहत मिलती है।