हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शुक्रवार को राज्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए दिवाली से पहले एक बड़ा ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिवाली के अवसर पर, राज्य सरकार 28 अक्टूबर को सभी राज्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन का भुगतान करेगी। इसके अलावा, 1 जनवरी 2023 से लंबित 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते (DA) का भी वितरण किया जाएगा, जिससे लगभग 3.50 लाख कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।
वित्तीय अनुशासन का उद्देश्य
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस पहल के पीछे के वित्तीय अनुशासन का भी जिक्र किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा वेतन भुगतान में देरी का उद्देश्य राज्य की आर्थिक स्थिति को स्थिर रखना था। हालांकि, दिवाली के मद्देनजर राज्य सरकार ने कर्मचारियों को समय पर वेतन देने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि DA के भुगतान से राज्य सरकार के खजाने पर प्रति वर्ष 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, लेकिन यह कर्मचारियों के हित में एक आवश्यक कदम है। सुक्खू सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों का भी ध्यान रखा है। इसके लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है।
राज्य की वित्तीय स्थिति
राज्य की वित्तीय स्थिति पर बात करते हुए, मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार को केंद्र से राजस्व घाटा अनुदान और कर हिस्सेदारी 6 और 10 सितंबर को मिलती है। इसके बावजूद, हर महीने की पहली तारीख को वेतन देने के लिए सरकार को 7.5 प्रतिशत ब्याज पर उधार लेने की आवश्यकता होती थी। उन्होंने कहा कि वेतन भुगतान के टालने से हर महीने लगभग 3 करोड़ रुपये की बचत हो रही है और ब्याज भुगतान पर सालाना 36 करोड़ रुपये की बचत की जा रही है।
पुरानी और नई पेंशन योजना
मुख्यमंत्री सुक्खू ने जानकारी दी कि राज्य के लगभग 1.15 लाख कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) का विकल्प चुना है, जबकि 1,364 कर्मचारी अब भी नई पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों को भी DA का लाभ मिलेगा।
पिछली सरकार की नीतियों की आलोचना
मुख्यमंत्री सुक्खू ने पिछली भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना की और आरोप लगाया कि उनकी मुफ्त योजनाओं ने राज्य की वित्तीय स्थिति को बर्बाद कर दिया। उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये की मुफ्त सौगातों का हवाला दिया, जिसमें 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली, ग्रामीण इलाकों में मुफ्त पानी, डीजल और पेट्रोल पर वैट में कमी जैसी योजनाएं शामिल थीं।
इसके अलावा, पिछली सरकार द्वारा चुनावों से पहले 900 से अधिक स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सरकारी संस्थानों को खोलने का निर्णय भी राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हुआ।
आत्मनिर्भर हिमाचल का लक्ष्य
सुक्खू सरकार ने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार मुफ्त बिजली और पानी की योजनाओं को जारी रखेगी। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, जैसे बड़े होटलों और होमस्टे, पर पानी के शुल्क लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार हिमाचल प्रदेश को 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।