
केंद्र सरकार ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए Employment Linked Incentive (ELI) योजना शुरू की है, जिसके तहत पहली बार नौकरी जॉइन करने पर 15000 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह राशि दो किस्तों में मिलेंगी और योजना 1 अगस्त 2025 से लागू होगी। यह योजना उन युवाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी जो अपनी पहली नौकरी की शुरुआत कर रहे हैं। लेकिन, क्या होगा अगर आप नौकरी बदलते हैं? क्या इस योजना का लाभ तब भी मिलेगा? आइए, इस योजना के नियमों को विस्तार से समझते हैं।
पहली नौकरी पर 15000 रुपये का प्रोत्साहन
ELI योजना के तहत पहली बार नौकरी जॉइन करने वाले उम्मीदवारों को सरकार से कुल 15000 रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा। यह राशि दो किस्तों में दी जाएगी, पहला भुगतान 6 महीने की नौकरी के बाद मिलेगा और दूसरा भुगतान 12 महीने यानी एक साल के बाद होगा। इस योजना के अंतर्गत कुल 2 करोड़ युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, जिनकी सैलरी 1 लाख रुपये प्रति माह तक हो। योजना का उद्देश्य युवाओं को स्थिर रोजगार से जोड़ने और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने का है, ताकि उनकी करियर यात्रा में मदद मिल सके।
पहली सैलरी के बाद मिलेगा प्रोत्साहन
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि 15000 रुपये की यह राशि आपको पहली सैलरी के साथ नहीं मिलेगी। इसके लिए आपको 6 महीने तक इंतजार करना होगा। पहले 6 महीने का काम करने के बाद सरकार पहली किस्त का भुगतान करेगी। दूसरी किस्त, जो 7500 रुपये की होगी, 12 महीने यानी एक साल के बाद मिलेगी। इस बीच, यदि आपको दूसरी नौकरी का ऑफर आता है, तो क्या होगा?
नौकरी बदलने पर मिलेगा आधा लाभ?
ELI योजना के तहत यह स्पष्ट किया गया है कि पहले 6 महीने का काम करना अनिवार्य है। इसका मतलब यह है कि यदि आप 6 महीने के भीतर नौकरी बदलते हैं, तो आपको सरकार से पहली किस्त मिल जाएगी, लेकिन दूसरी किस्त से आप वंचित हो सकते हैं। नियमों के अनुसार, 12 महीने के बाद मिलने वाली राशि केवल उन्हीं कर्मचारियों को दी जाएगी जिन्होंने अपनी पहली नौकरी में पूरा साल काम किया हो। यदि आप इस अवधि के भीतर दूसरी नौकरी जॉइन करते हैं, तो आपको पूरी 15000 रुपये की राशि नहीं मिलेगी।
1 लाख रुपये तक की सैलरी वाले उम्मीदवारों को मिलेगा लाभ
ELI योजना के तहत यह शर्त भी है कि केवल वे कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे, जिनकी मासिक सैलरी 1 लाख रुपये तक हो। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह 1 लाख रुपये सैलरी का आंकड़ा CTC (Cost to Company) के आधार पर होगा या फिर यह नेट सैलरी के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। इस योजना का लाभ उन्हें मिलेगा जो 1 अगस्त 2025 से नौकरी जॉइन करेंगे।
योजना के उद्देश्य और भविष्य
यह योजना युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकती है, खासकर उन उम्मीदवारों के लिए जो नौकरी के पहले कुछ महीनों में आर्थिक सहायता की उम्मीद कर रहे हैं। सरकार की तरफ से इस योजना का उद्देश्य रोजगार सृजन और स्थिरता को बढ़ावा देना है, जिससे युवा पीढ़ी को अपनी करियर यात्रा की शुरुआत में ही एक मजबूत आधार मिले।
केंद्र सरकार का यह प्रयास देश के युवाओं को पहली बार नौकरी प्राप्त करने के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का है। यदि आप भी 1 अगस्त 2025 के बाद पहली बार नौकरी जॉइन करने जा रहे हैं, तो इस योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता से आपकी शुरुआत और भी आसान हो सकती है।