मध्यप्रदेश राज्य वित्त विभाग ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत कर्मचारियों के पेंशन फंड के निवेश विकल्पों में विस्तार किया है। अब कर्मचारियों के पास चार नए विकल्प होंगे, जिन्हें वे एक वित्तीय वर्ष में एक बार चुन सकते हैं। इस संदर्भ में शुक्रवार को राज्य वित्त विभाग ने सभी विभागों, संभागायुक्तों और अन्य संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं।
पेंशन योजना की पृष्ठभूमि
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) एक अंशदायी पेंशन योजना है जो 1 जनवरी 2005 से प्रचलित है। इस योजना के तहत कर्मचारियों की पेंशन फंड को बाजार में निवेश करने की अनुमति दी जाती है। वर्ष 2008 में केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत फंड मैनेजर नियुक्त करने और निवेश की प्रक्रिया निर्धारित की थी। 31 जनवरी 2019 को केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना में निवेश के लिए अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध कराए गए थे। इसी क्रम में अब राज्य वित्त विभाग ने कर्मचारियों के लिए निवेश विकल्पों में और अधिक विस्तार किया है।
नए निवेश विकल्प
राज्य वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कर्मचारियों के पास अब निम्नलिखित चार निवेश विकल्प होंगे:
- परंपरागत जीवनचक्र निधि (25% इक्विटी): इस विकल्प के तहत, कर्मचारियों के पेंशन फंड का अधिकतम 25 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी (शेयर बाजार) में निवेश किया जाएगा। यह विकल्प उन कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है जो सुरक्षित निवेश के साथ-साथ बाजार से जुड़ा लाभ भी चाहते हैं।
- सामान्य जीवन चक्र निधि (50% इक्विटी): इस विकल्प में, पेंशन फंड का अधिकतम 50 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाएगा। यह उन कर्मचारियों के लिए है जो उच्च जोखिम के साथ उच्च प्रतिफल की तलाश में हैं।
- शासकीय अभिदाता (100% सरकारी प्रतिभूतियां): इस विकल्प के तहत, पेंशन फंड का पूरा हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाएगा। यह न्यूनतम जोखिम के साथ निश्चित प्रतिफल की गारंटी देता है और उन कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है जो अपने निवेश को पूरी तरह सुरक्षित रखना चाहते हैं।
- वर्तमान डिफाल्ट विकल्प: यदि कर्मचारी कोई विकल्प नहीं चुनते हैं, तो उनकी निधि वर्तमान प्रचलित (डिफाल्ट) व्यवस्था के अनुसार निवेशित की जाएगी।
विकल्प चयन की प्रक्रिया
कर्मचारी अपने पेंशन फंड के निवेश के लिए पीएफआरडीए (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा अधिकृत पेंशन फंड मैनेजरों में से किसी एक को चुन सकते हैं। यह विकल्प एक वित्तीय वर्ष में एक बार चुना जा सकता है। यदि कोई कर्मचारी विकल्प नहीं चुनता है, तो उसकी निधि वर्तमान डिफाल्ट पद्धति के अनुसार निवेशित की जाएगी।
आदेश का प्रभाव
राज्य वित्त विभाग के इस आदेश का उद्देश्य कर्मचारियों को उनके पेंशन फंड के निवेश में अधिक विकल्प और लचीलापन प्रदान करना है। इससे कर्मचारियों को उनके जोखिम सहने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निवेश करने की सुविधा मिलेगी।
कर्मचारी और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं
कर्मचारियों और वित्तीय विशेषज्ञों ने इस आदेश का स्वागत किया है। कर्मचारियों का कहना है कि नए विकल्पों से उन्हें अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। वहीं, वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि इससे निवेश की विविधता बढ़ेगी और कर्मचारियों को उनके निवेश पर बेहतर प्रतिफल प्राप्त होगा।
राज्य वित्त विभाग द्वारा जारी यह आदेश राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उन्हें अपने पेंशन फंड के निवेश में अधिक विकल्प और लचीलापन मिलेगा। नए विकल्पों से कर्मचारियों को उनके जोखिम सहने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निवेश करने की सुविधा मिलेगी।
समाचार की जानकारी आपको महत्वपूर्ण लगी हो, तो इसे शेयर करना न भूलें। इस तरह की और भी खबरों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें और अपडेट प्राप्त करते रहें।