
DA, HRA और LTC यानी Dearness Allowance, House Rent Allowance और Leave Travel Concession सरकारी कर्मचारियों की सैलरी का अभिन्न हिस्सा होते हैं। किसी भी सरकारी कर्मचारी की कुल इनकम केवल बेसिक पे से नहीं बनती, बल्कि इन भत्तों के जोड़ से उसकी तनख्वाह में ठोस वृद्धि होती है। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद इन भत्तों की गणना और संरचना में कई अहम बदलाव किए गए, जिनका सीधा फायदा लाखों सरकारी कर्मचारियों को मिला।
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महंगाई भत्ता (DA) कैसे तय होता है
महंगाई भत्ता, कर्मचारी को बढ़ती महंगाई से राहत देने के उद्देश्य से दिया जाता है। यह मूल वेतन का एक निश्चित प्रतिशत होता है, जो हर छह महीने में महंगाई सूचकांक के आधार पर सरकार द्वारा संशोधित किया जाता है। जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने DA में 3% की बढ़ोतरी की घोषणा की, जिससे यह 53% से बढ़कर 56% हो गया। इस बढ़ोतरी से ₹18,000 बेसिक पे वाले कर्मचारी की सैलरी में ₹540 की बढ़ोतरी हुई, जबकि ₹2.5 लाख बेसिक पे वालों को ₹7,500 तक का फायदा मिला।
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मकान किराया भत्ता (HRA) का गणित
HRA यानी मकान किराया भत्ता कर्मचारियों को रहने के खर्च में सहयोग देने के लिए दिया जाता है। यह उस शहर की श्रेणी पर निर्भर करता है जहां कर्मचारी कार्यरत है—X (मेट्रो शहर), Y (मध्यम शहर), और Z (छोटे शहर)। सातवें वेतन आयोग के मुताबिक, जब DA 50% पार कर जाता है, तो HRA की दरें 27%, 18% और 9% हो जाती हैं। पहले ये दरें क्रमश: 24%, 16% और 8% थीं। यानी जैसे-जैसे महंगाई भत्ता बढ़ता है, वैसे-वैसे HRA भी बढ़ता है।
अवकाश यात्रा रियायत (LTC) में नया क्या है
LTC सरकारी कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ भारत में किसी भी स्थान की यात्रा पर रियायत देने के लिए है। यह भत्ता चार साल में एक बार गृह नगर और किसी भी अन्य स्थान की यात्रा के लिए दिया जाता है। हाल ही में सरकार ने इसके तहत वंदे भारत, तेजस और हमसफर जैसी आधुनिक ट्रेनों में यात्रा की भी अनुमति दे दी है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को न केवल यात्रा सुविधा देना है, बल्कि उन्हें भारत की सांस्कृतिक विविधता का अनुभव कराना भी है।
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