
जनवरी 2025 से महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) बढ़ने की खबर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक राहत की सौगात लेकर आई है। महंगाई दर और अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI – All India Consumer Price Index) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, सरकार DA में 2% की संभावित वृद्धि की घोषणा कर सकती है, जो जनवरी 2025 से प्रभावी होगी।
वर्तमान DA की स्थिति और संभावित परिवर्तन
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत 53% की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। यदि अनुमान सही साबित होते हैं, तो यह दर जनवरी 2025 से बढ़कर 55% हो जाएगी। यह संशोधन न केवल कर्मचारियों के मासिक वेतन में इज़ाफा करेगा, बल्कि सालाना आय में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी लाएगा। यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए राहत भरा होगा, जो महंगाई के बढ़ते प्रभाव को महसूस कर रहे हैं।
कर्मचारियों और पेंशनर्स को होगा कितना फायदा?
इस बढ़ोतरी का प्रभाव कर्मचारियों और पेंशनर्स की जेब पर सीधे पड़ेगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹18,000 है, तो वर्तमान में वह 53% की दर से ₹9,540 का DA पा रहा है। बढ़ोतरी के बाद 55% की दर से यह ₹9,900 हो जाएगा, जिससे ₹360 प्रति माह और ₹4,320 सालाना की बढ़ोतरी होगी। इसी तरह, एक पेंशनर जिसकी मासिक पेंशन ₹9,000 है, उसे वर्तमान में ₹4,770 DA मिलता है, जो बढ़कर ₹4,950 हो सकता है—इससे उसे ₹180 प्रतिमाह और ₹2,160 सालाना का फायदा होगा।
घोषणा और भुगतान की संभावित समयसीमा
DA की समीक्षा सामान्यतः वर्ष में दो बार—जनवरी और जुलाई में की जाती है। हालांकि, जनवरी 2025 की घोषणा फिलहाल लंबित है, परंतु इस बात की प्रबल संभावना है कि अप्रैल 2025 के वेतन के साथ नई दरें लागू होंगी। इसके साथ ही जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 के एरियर का भी भुगतान किया जा सकता है। इससे पहले के अनुभवों के आधार पर, वित्त मंत्रालय जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले सकता है।
DA में बढ़ोतरी का तर्क और प्रक्रिया
महंगाई भत्ता दरअसल कर्मचारियों की क्रय शक्ति को संतुलित बनाए रखने का एक सरकारी प्रयास होता है। जैसे-जैसे महंगाई दर बढ़ती है, CPI के आंकड़ों के आधार पर DA को संशोधित किया जाता है। यह वृद्धि महंगाई के प्रभाव को कम करने और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने में सहायक होती है। यही कारण है कि हर छमाही में इसकी समीक्षा की जाती है।