भारतीय वेतनभोगी करदाता आगामी बजट 2024 की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं, विशेष रूप से उन्हे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में सुधार की प्रतीक्षा बनी हुई है। NPS, जो एक प्रमुख सेवानिवृत्ति बचत योजना है, जिसे भारत सरकार द्वारा देश के नागरिकों को वृद्धावस्था सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है, हालांकि कई करदाताओं को लगता है की उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए इसमें सुधार की जरूरत है। जिसके चलते वह सरकार से योजना को बेहतर बनाने की आशा कर रहे हैं।
महत्वपूर्ण सुधार क्षेत्र
- कर-मुक्त निकासी की सीमा बढ़ाना: वर्तमान में, NPS निकासी के समय केवल 60% कोष कर-मुक्त है। इसे बढ़ाकर 75% से 80% किया जा सकता है, जिससे यह EPF और अन्य सेवानिवृत्ति योजनाओं के अनुरूप हो जाएगा।
- कर कटौती सीमा में वृद्धि: धारा 80CCD 1B के तहत, वर्तमान में अतिरिक्त आयकर कटौती की सीमा विस्तारित करने की मांग है, जिसे 1 लाख रुपये तक बढ़ाने की संभावना है। इससे करदाताओं को अधिक कर लाभ मिलेगा और यह उन्हें सेवानिवृत्ति के लिए अधिक बचत करने के लिए प्रेरित करेगा।
- निकासी में लचीलापन: वर्तमान नियम केवल 60% तक की कर-मुक्त निकासी की अनुमति देते हैं। करदाताओं ने चरणबद्ध निकासी या विशेष जरूरतों के लिए कोष का उपयोग करने के लिए अधिक लचीलेपन की मांग की है।
- गारंटीड रिटर्न: NPS निवेश पर रिटर्न बाजार की स्थितियों से प्रभावित होता है। कुछ करदाता निवेश पर गारंटीकृत न्यूनतम रिटर्न की मांग कर रहे हैं, जिससे बाजार की अस्थिरता की चिंता कम हो।
- टियर-II खाते का पुनरुद्धार: टियर-II खाता अधिक लचीले निवेश विकल्प प्रदान करता है, लेकिन इसकी विशेषताओं को और स्पष्ट करने और आकर्षक बनाने की जरूरत है।
- नई कर व्यवस्था में कर लाभ: नई कर व्यवस्था में कई कटौतियाँ समाप्त हो गई हैं। करदाता चाहते हैं कि नई व्यवस्था के तहत भी एनपीएस कटौती की सुविधा हो।
इन सुधारों के लागू होने से एनपीएस एक अधिक प्रभावी और आकर्षक सेवानिवृत्ति बचत उपकरण बन सकता है, जो व्यापक जनसांख्यिकी को अपील करेगा और भारतीय करदाताओं को अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बनाने में भी मदद करेगा।