APY News: केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। हालांकि, बिहार में इस योजना के कार्यान्वयन में कई चुनौतियाँ सामने आई हैं।
पटना का कमजोर प्रदर्शन
पटना, जो बिहार का सबसे प्रमुख जिला है, अटल पेंशन योजना के कार्यान्वयन में सबसे पीछे रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पटना ने अपने निर्धारित लक्ष्य का केवल 78% ही हासिल किया है। पटना जिले के 843 बैंक शाखाओं को 75,780 खाते खोलने थे, लेकिन वे केवल 59,020 खाते ही खोल पाए। इसके विपरीत, गया जिला इस योजना के तहत सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला जिला रहा, जहाँ 267 बैंक शाखाओं ने अपने लक्ष्य का 340% पूरा किया।
अन्य जिलों का प्रदर्शन
पटना के अलावा, भागलपुर और शिवहर का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। हालांकि, गया के साथ-साथ नवादा, बांका, औरंगाबाद, और अरवल जैसे जिलों ने योजना के क्रियान्वयन में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उदाहरण के लिए, नवादा जिले की 116 बैंक शाखाओं ने अपने निर्धारित लक्ष्य से 287% अधिक खाते खोले।
निजी बैंकों की उदासीनता
रिपोर्ट्स से यह भी सामने आया कि बिहार में निजी बैंकों का रवैया अटल पेंशन योजना के क्रियान्वयन में निराशाजनक रहा। राज्य के 14 निजी बैंकों में से किसी ने भी अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं किया। कुछ प्रमुख निजी बैंक जैसे आईडीबीआई, एचडीएफसी, और एक्सिस बैंक ने केवल 70% उपलब्धि हासिल की, जबकि कई अन्य बैंकों की उपलब्धि 30% से भी कम रही।
पेंशन राशि का चयन
बिहार के आवेदकों के लिए यह देखा गया कि अधिकतर लोग (लगभग 80%) सबसे कम पेंशन राशि, यानी 1,000 रुपये प्रतिमाह के लिए ही आवेदन कर रहे हैं। इसके विपरीत, हरियाणा, पंजाब, और गुजरात जैसे राज्यों में 5,000 रुपये की पेंशन के लिए अधिक लोग आवेदन कर रहे हैं। यह अंतर राज्य की आर्थिक स्थिति और लोगों की बचत की आदतों को दर्शाता है।
अटल पेंशन योजना के लाभ और प्रक्रिया
इस योजना के तहत, 18 से 40 वर्ष के लोग अपना पेंशन खाता खोल सकते हैं और 60 वर्ष की आयु के बाद उन्हें पेंशन मिलती है। ग्राहक अपने बजट और आवश्यकता के अनुसार 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की मासिक पेंशन का चयन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें उम्र के आधार पर मासिक अंशदान देना होता है।
निष्कर्ष
अटल पेंशन योजना बिहार में एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप में उभर रही है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में अभी भी कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं। खासकर, पटना जैसे प्रमुख जिले का कमजोर प्रदर्शन चिंता का विषय है। योजना का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बैंकों और सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।