OPS Update: खुशखबरी, महीनों के कड़े संघर्ष के बाद शिक्षकों को मिली पुरानी पेंशन, OPS से ये होगा फायदा

पिथौरागढ़ के 110 प्राथमिक शिक्षकों को लंबे संघर्ष के बाद पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिला है। यह निर्णय उनके आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करता है और आगे के संघर्ष की उम्मीद जगाता है।

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Written by Rohit Kumar

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OPS Update: महीनों के कड़े संघर्ष के बाद राज्य के शिक्षकों को मिली पुरानी पेंशन, OPS से ये होगा फायदा

OPS Update: पिथौरागढ़ जिले के 110 प्राथमिक शिक्षकों को दीर्घकालिक संघर्ष और अनवरत प्रयासों के बाद, आखिरकार पुरानी पेंशन योजना (OPS) के अंतर्गत लाभ प्राप्त होने का सुखद समाचार मिला है। यह घोषणा शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत की तरह है, जिन्होंने वर्षों से इस अधिकार के लिए संघर्ष किया है।

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विभागीय देरी और प्रशासनिक उपेक्षा के बावजूद, इन शिक्षकों ने लगातार अपनी मांगों की आवाज उठाई और न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें सही ठहराया। पुरानी पेंशन योजना के तहत, ये शिक्षक अपनी सेवानिवृत्ति के बाद अंतिम वेतन का 50% मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त करेंगे, जो कि उनके आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करता है।

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इस लंबे संघर्ष की शुरुआत 21 सितंबर, 2005 को हुई, जब प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। हालांकि, विभागीय विलंब के कारण उनकी नियुक्ति में देरी हुई, और इस देरी के चलते उन्हें नई पेंशन योजना (NPS) के तहत रखा गया, जो कि 1 अक्टूबर, 2005 को लागू हुई थी।

शिक्षकों ने इस मामले को उच्चतर न्यायालयों में उठाया, जहां उन्हें प्रारंभिक रूप से न्याय मिला। हालांकि, सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जहां मामला वर्तमान में भी लंबित है।

दिसंबर 2023 में, केंद्र सरकार ने सभी शिक्षकों को एक विकल्प पत्र भेजा, जिसमें उन्हें पुरानी और नई पेंशन योजना में से चुनने का अवसर दिया गया। इसके बाद, 26 सितंबर को शासन स्तर से इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना के लाभ देने की मंजूरी दी गई।

यह निर्णय जिले भर के कर्मचारियों के लिए एक उत्साहजनक कदम है, जो अब न्यायिक संघर्ष के फलस्वरूप आशा की एक नई किरण देख रहे हैं। इस जीत के साथ, पिथौरागढ़ में आज ‘काला दिवस’ मनाने की परंपरा भी जारी है, जिसमें कर्मचारी एनपीएस के विरोध में अपनी बांहों पर काली पट्टी बांधकर और प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज करते हैं।

इस ऐतिहासिक निर्णय के साथ, शिक्षक संघों और अन्य विभागों के कर्मचारी भी इसी प्रकार की राहत की आशा कर रहे हैं। जब तक सभी कर्मचारियों को इसी तरह का लाभ नहीं मिल जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।

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