OPS बहाली पर 91 लाख केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों का समर्थन, ‘केंद्र के पास फंसा NPS फंड’, राज्य सरकार नही दे सकती ये तर्क

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी आंदोलनरत हैं, जबकि केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने की घोषणा की है। हालांकि, कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं और ओपीएस बहाली के लिए संघर्ष जारी है, जिससे राज्यों का रास्ता खुला है।

rohit

Written by Rohit Kumar

Published on

OPS बहाली के लिए 91 लाख केंद्रीय और राज्य कर्मचारी कर रहे संघर्ष, जाने कब होगा समाधान

केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग एक लंबे समय से चर्चा का विषय बनी हुई है। सरकारी कर्मचारियों की यह मांग पिछले कुछ सालों में एक बड़ा आंदोलन का रूप ले चुकी है, और इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर असंतोष जारी है। वर्तमान में ‘नेशनल पेंशन सिस्टम’ (NPS) के तहत काम करने वाले कर्मचारी ओपीएस की बहाली के लिए जोरदार तरीके से संघर्ष कर रहे हैं।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

हाल ही में केंद्र सरकार ने NPS में सुधार करते हुए ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (UPS) को लागू करने की घोषणा की। हालांकि, कर्मचारी संगठन इसे पुरानी पेंशन योजना के समान मानने से इनकार कर रहे हैं। इस योजना का अभी तक कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है, जिससे कर्मचारियों में और अधिक असंतोष बढ़ गया है।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

OPS बहाली के लिए आंदोलन

कर्मचारी संगठन जैसे ‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम’ (NMOPS) और ‘ऑल इंडिया नेशनल पेंशन सिस्टम इम्प्लॉईज फेडरेशन’ (AINPSEF) इस मुद्दे पर लगातार सक्रिय हैं। 26 सितंबर को NMOPS द्वारा देशभर के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा, 17 नवंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की रैली आयोजित की जाएगी। इन आंदोलनों का उद्देश्य ओपीएस की पूर्ण बहाली है, जिसे लगभग 91 लाख केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त है।

एनपीएस में हुए बदलाव

केंद्र सरकार ने पहले भी NPS में कुछ बड़े बदलाव किए थे, जैसे सरकारी अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करना और सेवाकाल के दौरान मृत्यु या विकलांगता होने पर ओपीएस के समान पेंशन देना। हालांकि, इसके बावजूद, कर्मचारी सेवानिवृत्ति पर निश्चित पेंशन की गारंटी न मिलने से असंतुष्ट थे।

24 अगस्त 2024 को पेंशन रिव्यू कमेटी ने मिनिमम पेंशन 10,000 रुपये और महंगाई भत्ते के साथ गारंटी देने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, 25 वर्ष की सेवा के बाद OPS के अनुरूप 50 प्रतिशत पेंशन देने की बात भी स्पष्ट की गई है। यह पेंशन महंगाई इंडेक्स से भी जुड़ी होगी, जो कर्मचारियों के लिए एक राहत की बात है। हालांकि, इसके बदले सरकार ने कर्मचारी अंशदान को भी सरेंडर करने की शर्त रखी है।

राज्यों के लिए OPS बहाली का रास्ता साफ

AINPSEF के अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल का दावा है कि अब राज्यों के लिए OPS बहाल करने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। कई राज्य जैसे पंजाब, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश पहले यह तर्क दे रहे थे कि केंद्र सरकार से NPS फंड का अंशदान वापस नहीं मिला है। इस वजह से वे ओपीएस लागू नहीं कर पा रहे थे।

केंद्र सरकार ने किया प्रावधान

अब केंद्र सरकार ने UPS के तहत प्रावधान किया है कि सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को OPS के अनुरूप पेंशन दी जाएगी, और उनके NPS खाते में जमा समस्त फंड संबंधित सरकारों के पास चला जाएगा। इससे राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों को उनका अंशदान भी ब्याज सहित वापस कर सकेंगी और NPS फंड के केंद्र सरकार के पास फंसे होने का बहाना नहीं बना पाएंगी।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap चैनल से जुड़ें