राजस्थान सरकार ने हाल ही में एक नया और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जो सीधे तौर पर राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों से जुड़ा है। राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के अंतर्गत, सरकार ने उन कर्मचारियों के लिए एक अनूठा प्रावधान किया है जो 30 जून को सेवानिवृत्त होते हैं।
यह विशेष प्रावधान उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ देगा, जिसे पूर्व में वे मिस कर जाते थे क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख और वेतन वृद्धि की तारीख में केवल एक दिन का अंतर होता था।
नोशनल इन्क्रीमेंट का परिचय
राजस्थान सरकार ने इस बदलाव को अपनाते हुए नोशनल इन्क्रीमेंट की व्यवस्था की है, जिसके अनुसार 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी अब 1 जुलाई को होने वाली वेतन वृद्धि के पात्र होंगे। यह व्यवस्था कर्मचारियों को उनकी सेवा के अंतिम दिन तक वेतन वृद्धि से वंचित होने की स्थिति से बचाती है। इस प्रावधान के लिए उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों को महत्वपूर्ण आधार माना गया है।
वेतन वृद्धि के लाभ
इस निर्णय के अनुसार, वेतन वृद्धि का लाभ केवल पेंशन संबंधी उद्देश्यों के लिए मान्य होगा। इसका अर्थ है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी पेंशन की गणना में इस वेतन वृद्धि को शामिल कर सकेंगे, जबकि अन्य लाभ जैसे कि ग्रेच्युटी और कम्युटेशन में इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।
लागू होने की तिथियाँ
बता दें , यह वेतन वृद्धि 1 जुलाई 2006 से मान्य होगी, हालाँकि इसके नकद लाभ 11 अप्रैल 2023 से ही प्राप्त होंगे। इसका मतलब है कि पूर्व की तिथियों में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा, लेकिन वित्तीय लाभ की शुरुआत हाल की तारीख से होगी।
सामाजिक आर्थिक उन्नति
इस निर्णय से न केवल सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बढ़ी हुई पेंशन का लाभ मिलेगा, बल्कि यह राज्य के कर्मचारियों के लिए एक संतोषजनक सेवा अनुभव सुनिश्चित करेगा। यह निर्णय सरकार की ओर से कर्मचारियों के प्रति समर्पण और उनकी सेवा के अंतिम वर्ष में उनके अधिकारों की रक्षा के प्रतीक के रूप में देखा जा सकता है।