केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं, जिसकी सिफारिशें जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकती हैं। इस आयोग के तहत, सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की जा सकती है।
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू की गई थीं और अब करीब एक दशक बाद, एक और संशोधन की उम्मीद की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग का गठन 2025 में हो सकता है, और इसकी सिफारिशें 2026 से लागू होने की संभावना है।
वेतन में वृद्धि की संभावनाएं
बता दें, पिछले वेतन आयोगों के डेटा पर, कर्मचारियों के वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी की आशा की जा सकती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि निम्न स्तर के कर्मचारी (लेवल 1) का वेतन 34% बढ़ सकता है, जबकि उच्च स्तर (लेवल 18) के कर्मचारियों के लिए यह वृद्धि 100% तक हो सकती है।
यह बदलाव खासकर सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
पेंशन में बदलाव
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से पेंशनधारकों को भी फायदा होने की संभावना है। एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के तहत पेंशन में वृद्धि देखी जा सकती है। इसके साथ ही, 2029 तक महंगाई भत्ते (DA) में 20% की वृद्धि और पेंशन में 50% सुधार की संभावना है, जिससे न्यूनतम और अधिकतम पेंशन दोनों में वृद्धि होगी।
वेतन मैट्रिक्स और फिटमेंट फैक्टर
संशोधित वेतन मैट्रिक्स के साथ, वेतन में सुधार की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और समतामूलक बनाने का प्रयास किया जाएगा। फिटमेंट फैक्टर, जो वेतन वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इस बार पिछले आयोग से ज्यादा हो सकता है। अनुमान है कि लेवल 1 कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो सकता है, जबकि उच्चतम स्तर के कर्मचारियों का वेतन 2.5 लाख रुपये से बढ़कर 4.8 लाख रुपये तक हो सकता है।
समापन
8वें वेतन आयोग के आने से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। यह कर्मचारियों के लिए वित्तीय स्थिरता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार का संकेत है।